Kanpur News : प्रधान और सदस्य ने आवास के नाम पर ग्रामीणों से की ठगी, विकास भवन को पीड़ितों ने घेरा

ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक ने ठगी के आरोपों को किया स्वीकार

कानपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है और आरक्षण सूची जारी होने के बाद उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने में जुट गये हैं। खासकर ग्राम प्रधान के उम्मीदवारों में चुनाव को लेकर कुछ अधिक ही हलचल है। इस चुनावी माहौल में निवर्तमान ग्राम प्रधानों पर आरोपों की बौछार भी शुरु हो गयी है और रोजाना ग्रामीण अधिकारियों के चौखट पर जा रहे हैं। 
इसी क्रम में मंगलवार को विकास भवन में करीब एक दर्जन पुरुष व महिलाओं ने विकास भवन को घेर लिया। पीड़ितों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत सदस्य के साथ आवास दिलाने का आश्वासन दिया ​था। इसके बदले किसी से 20 हजार तो किसी से 30 हजार रुपये ले लिये और कार्यकाल खत्म होने के बाद भी आवास नहीं दिया। ठगी के शिकार ग्रामीणों ने ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक से न्याय की गुहार लगाई। परियोजना निदेशक ने भी माना कि मामले की जांच कराई गयी थी और प्रधान व सदस्य पर रुपया लेने का मामला सही पाया गया। 
कल्याणपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत दूल में रहने वाले करीब एक दर्जन ग्रामीण मंगलवार को विकास भवन पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप था कि ग्राम प्रधान सन्तोष कुमार ने करीब दो वर्ष पूर्व अपने सहयोगी व ग्राम पंचायत सदस्य किशन के माध्यम से गांव में प्रचारित कराया कि जिसको सरकारी आवास चाहिये तो कुछ रुपया जमा कर दें। इस पर करीब एक दर्जन लोग आवास के लालच में ग्राम प्रधान के घर पर ग्राम प्रधान और सदस्य को अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार रुपया जमा कर दिये। 
ग्रामीणों का कहना है कि किसी ने 20 हजार रुपये तो किसी ने 30 हजार रुपये अग्रिम रुपया प्रधान को दे दिया गया। इसके बाद प्रधान बराबर कहता रहा कि आप लोगों को जल्द आवास मिल जाएगा। पात्रता सूची में नाम आ गया है और जैसे ही पहली किस्त आएगी तो उसमें भी कुछ रुपया देना होगा। प्रधान व सदस्य के टालमटोल को देखते हुए यह अहसास होने लगा कि हम लोग ठगी का शिकार हो गये। 
इस पर आलाधिकारियों से भी शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अब प्रधान का बस्ता रख गया है तो उम्मीद बंधी ​है कि शायद न्याय मिल जाये। इसी को लेकर आज विकास भवन आकर अधिकारियों से अपनी व्यथा बताई गयी है। पूरे मामले को लेकर जब ग्राम प्रधान सन्तोष कुमार से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो कई बार फोन की ​पूरी रिंग जाने के बाद उनका फोन नहीं उठा।  
आभूषण गिरवी रखकर दिये थे रुपये
ग्रामीण कमला देवी ने बताया कि आवास के लालच में अपने आभूषणों को गिरवी रख दिया और प्रधान को 25 हजार रुपये दे दिये। यह भी बताया कि गिरवी रखे आभूषण का ब्याज इन दिनों 70 हजार रुपया हो गया है। बताया कि इसी प्रकार राजू ने 20 हजार, विनोद कुमार ने 20 हजार, बेचेलाल कठेरिया ने 20 हजार, बबलू ने 20 हजार, बाबूलाल ने 20 हजार, इन्द्रभान ने 20 हजार, हरेन्द्र ने 30 हजार रुपये दिये। 
डीपीआरओ ने कहा कि मेरे विभाग में नहीं आता आवास योजना
विकास भवन पहुंचे ग्रामीणों ने ​प्रधान की शिकायत के लिए सबसे पहले जिला पंचायत राज अधिकारी कमल किशोर के दफ्तर गये अपनी शिकायत रखी। इस पर डीपीआरओ ने कहा कि आपका मामला आवास योजना से जुड़ा हुआ है जो मेरे विभाग में नहीं आता है। आप लोग विकास भवन के भूतल में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केके पाण्डेय से मिले। इस पर सभी पीड़ित परियोजना निदेशक केके पाण्डेय के पास पहुंचे और प्रधान व सदस्य की ठगी की शिकायत की। 
जांच में ठगी बात आई सामने
जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केके पाण्डेय से जब पूरे मामले को लेकर बातचीत की गयी तो उन्होंने बताया कि यह मामला काफी पुराना है। पीड़ितों ने पूर्व में भी आलाधिकारियों से शिकायत की थी, जिस पर खंड विकास अधिकारी को जांच के लिए मौके पर भेजा गया था। जांच में यह बात तो सामने आई कि प्रधान व उसके सहयोगी ग्राम पंचायत सदस्य ने आवास के नाम पर ग्रामीणों से रुपया लिया है, लेकिन सबूत नहीं मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर सबूत मिलते हैं तो ग्राम प्रधान के साथ सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
ग्राम पंचायत के लोगों ने ठगी की बात को सही ठहराया
विकास भवन पहुंचे पीड़ित ग्रामीणों ने आन रिकार्ड जो आरोप लगाये कि प्रधान संतोष कुमार व सदस्य किशन ने आवास के नाम पर हम लोगों से ठगी की है। प्रधान का पक्ष जानना चाहा तो हर बार उनका फोन नहीं उठा। प्रधान का फोन न उठने पर ग्राम पंचायत के आमजन से बातचीत की गयी तो उन्होंने ठगी की बात को सही ठहराया। 

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