Gonda News : मनवर नदी के उद्गम स्थल पर महर्षि उद्दालक ने की थी तपस्या, कार्तिक पूर्णिमा पर लगता है मेला

गोंडा (हि.स.)। धार्मिक ग्रंथों में मनोरमा स्थान का विशेष महत्व है। यह स्थान महर्षि उद्दालक ऋषि की तपोस्थली है। प्रतिवर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को यहां पर विशाल मेला लगता है। तपोस्थली से सटा एक बड़ा सरोवर है। पर्व के दिन लोग सरोवर में स्नान कर पूजा पाठ व दान करते हैं। महाराजा दशरथ के यहां यज्ञ करते समय श्रृंगी ऋषि ने सरस्वती देवी का आवाहन मनोरमा के नाम से किया था। इससे वे मनोरमा नदी के रूप में प्रकट हुई। जिसे मनवर नदी के नाम से जाना जाता है। 
जनपद मुख्यालय से महज 19 किलोमीटर की दूरी पर इटियाथोक विकासखंड के तिरे मनोरमा गांव स्थित सरोवर मनवर नदी का उद्गम स्थल है। धार्मिक ग्रंथों में इस नदी का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां पर जनपद ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु आते हैं। यहां पर मेला कई दिनों तक चलता है। करीब दो दशक पूर्व इस मेले में प्रदेश के कई महानगरों से कारोबारी कपड़ा, बर्तन सहित बड़ी बड़ी दुकानें लगाते हैं। लेकिन पर्यटन की दृष्टि से मनवर का विकास न होने के कारण धीरे-धीरे व्यापारियों का मोह यहां से भंग हो गया। अब मेले में सिर्फ स्थानीय दुकानें लगती हैं। लेकिन चीनी से निर्मित यहां का गट्टा आज भी प्रदेश भर में प्रसिद्ध है। मेले से एक सप्ताह पूर्व मिठाई व्यापारी यहां पहुंच कर सैकड़ों कुंतल गट्टा बनाते हैं। 

महर्षि उद्दालक के पुत्र नचिकेता ने सुनाया था नसिकेत पुराण मनवर नदी से थोड़ी दूर स्थित तारी परसोइया नामक स्थान पर ऋषियों व मनीषियों को नसिकेत पुराण सुनाया था। इस पुराण में मनोरमा के महात्मय का वर्णन है। नसिकेत पुराण के अनुसार किसी क्षेत्र में किया गया पाप काशी में स्नान करने से नष्ट हो जाता है। काशी में किया गया पाप प्रयाग में स्नान करने से तथा प्रयाग में किया गया पाप मनवर में स्नान करने से नष्ट हो जाता है लेकिन मनवर में किया गया पाप बज्र लेप के समान होता है अर्थात घातक होता है। 

सोमवार को लगेगा मेला 
शरद पूर्णिमा सोमवार के दिन पड़ती है। इस दिन जनपद में मनवर नदी के तट पर कर्नलगंज स्थित सरयू घाट फलाहारी कुट्टी सहित आधा दर्जन स्थान पर मेला लगता है। एसडीएम सदर विनोद कुमार सिंह ने बताया की धार्मिक स्थलों पर लोग दर्शन पूजन कर सकते हैं पूजा पाठ करने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। बशर्ते धार्मिक स्थलों पर भीड़ इकट्ठा ना हो लोग स्वत: दैनिक दूरी का पालन करें और अपनी सुरक्षा हेतु मास्क लगाएं ।

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