Gonda News : बिजली अभियंताओं ने शुरू किया सविनय अवज्ञा आन्दोलन

ऊर्जा निगमों के ईआरपी भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग

विरोध सभाओं में अभियंताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने प्रबन्धन की उत्पीड़नात्मक रवैये पर जताया रोष

कहा-अरबों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने हेतु आन्दोलन का दमन किया गया तो परिणाम होंगे गम्भीर

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। उप्र ऊर्जा निगमों के अभियंता संघ एवं जूनियर इंजीनियर संगठन ने प्रबंधन को चेतावनी दी है कि एस्मा एवं पुलिस बल के जरिये मंगलवार से उनके द्वारा शुरू किए गए सविनय अवज्ञा आन्दोलन को दबाये जाने की कोशिश हुई तो उसके गम्भीर परिणाम होंगे। मंगलवार को अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव विशाल शर्मा और जूनियर इंजीनियर संगठन के मण्डल अध्यक्ष पवन कुमार के हस्ताक्षर से जारी एक बयान में भ्रष्टाचार एवं भय का वातावरण के विरोध में अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों द्वारा चलाये जा रहे शान्तिपूर्ण ध्यानाकर्षण कार्यक्रम का दमन करने हेतु ऊर्जा विभाग के प्रबन्धन द्वारा जारी प्रेस नोट को झूठ का पुलिंदा बताया गया है। संगठन के पदाधिकारियों इं. विशाल शर्मा, इं. शुभम सिंह, इं. विपिन सिंह, इं. पवन कुमार, इं. अजय कुमार गुप्ता व इं. कपिल देव वर्मा ने जारी वक्तव्य में कहा है कि उप्र के ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा ईआरपी खरीद एवं कोयले का समय से भुगतान न किये जाने के कारण 20 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीद के मामले में प्रेस में जारी किये गये बयान को पूरी तरह असत्य बताते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने पुनः यह आरोप दोहराया है कि ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिस पर पर्दा डालने के लिए प्रबन्धन कर्मचारी संगठनों के शान्तिपूर्ण ध्यानाकर्षण आन्दोलन को एस्मा लगाकर अलोकतांत्रिक ढंग से दमन करने की कोशिश कर रहा है। संगठन के क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेन्स नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले अरबों रुपये के इस घोटाले की सीबीआई से उच्च स्तरीय जांच करायी जाय एवं घोटाले के दोषी शीर्ष प्रबन्धन पर कठोर कार्यवाही की जाय।
संगठन के क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन द्वारा जारी आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि उप्र पावर कारपोरशन लिमिटेड ने 29 दिसम्बर 2018 को मे. एसेन्चर सोल्यूशन प्रालि. को 244.49 करोड़, उप्र राविउनिलि. द्वारा 21 सितम्बर 2019 को मे. लार्सन एवं एल एण्ड टी इन्फोटेक लि. को 122 करोड़, 01 जनवरी 2021 को मे. ओडिसी कम्प्यूटर्स को 38.49 करोड़ एवं उम्र पाट्राकालि ने 04.12.2020 को मे. एसेन्चर सोल्यूशन प्रालि. को 52.98 करोड़ का आदेश किया गया है। यह कुल धनराशि 457.97 करोड़ रुपये होती है जिस पर 18 प्रतिशत जीएसटी जोड़ने पर कुल खर्च 511.52 करोड़ रुपए का होता है। जबकि ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन ने मात्र 244 करोड़ रुपये का हवाला दिया है जो कि पूरी तरह असत्य है। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि यह लगभग 511.52 करोड़ रुपए ईआरपी लागू करने का प्रारम्भिक आदेश है जबकि ईआरपी की पूरी प्रणाली लागू होने तक खर्च लगभग 700 करोड़ रुपये तक पहुंच जायेगा, जबकि देश के अधिक कर्मचारी एवं सबसे अधिक विद्युत उपभोक्ता वाले प्रदेश महाराष्ट्र में विद्युत वितरण कम्पनी मात्र 25 करोड़ रुपये में ईआरपी प्रणाली के कार्य हेतु आदेश दिया है। उसकी तुलना में उप्र में 20 गुना से अधिक की धनराशि खर्च की गयी जो कि सरासर भ्रष्टाचार है। विगत वर्ष माह सितम्बर अक्टूबर में विद्युत उत्पादन निगम के ताप बिजली घरों में कृत्रिम कोयले संकट का मुख्य कारण कोयले खरीद का समय से भुगतान न कर पाना है जिसके लिए शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन सीधे जिम्मेदार है।
उल्लेखनीय है कि उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड लगातार मुनाफा देने वाली एवं प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली देने वाली कम्पनी है। ऐसे में शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा इस कम्पनी को कोयले के भुगतान की अदायगी समय न कर मंहगी बिजली 20 रुपए प्रति यूनिट एनर्जी एक्सचेंज से खरीदा जाना शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन की विफलता एवं भ्रष्टाचार भी है। मंगलवार से शुरू हुए असहयोग/सविनय अवज्ञा आन्दोलन में देवीपाटन क्षेत्र के सभी जिलों के समस्त अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने सहभागिता सुनिश्चित करते हुए गोण्डा सहित क्षेत्र के अन्य जिला मुख्यालयों पर सायं 04 से 05 बजे के बीच एक घण्टे का विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन के उत्पीड़नात्मक एवं तानाशाही रवैये पर आक्रोश व्यक्त किया गया। इस मौके पर आयोजित सभा में इं. रणवीर सिंह, सौरभ भारद्वाज, प्रशून त्यागी, अरुण कुमार मिश्रा, अश्वनी कुशवाहा, संदीप यादव, सुरेन्द्र वर्मा, एनएन भारती, विकास यादव, विवेक, सुरेश मौर्या, अजीत सिंह, आमोद कुमार, संतोष कुमार पाल, सुनील कुमार, विशाल चौरसिया, अनय साहनी, अनिल मानस, बालकृष्ण प्रजापति सहित समस्त अधिशासी अभियन्ता, उपखण्ड अधिकारी तथा अवर अभियन्ता उपस्थित रहे।

आवश्यकता है संवाददाताओं की

तेजी से उभरते न्यूज पोर्टल www.hindustandailynews.com को गोण्डा जिले के सभी विकास खण्डों व समाचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों तथा देवीपाटन, अयोध्या, बस्ती तथा लखनऊ मण्डलों के अन्तर्गत आने वाले जनपद मुख्यालयों पर युवा व उत्साही संवाददाताओं की आवश्यकता है। मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर हिन्दी टाइपिंग का ज्ञान होना आवश्यक है। इच्छुक युवक युवतियां अपना बायोडाटा निम्न पते पर भेजें : jsdwivedi68@gmail.com
जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक
मोबाइल – 9452137310

एक अपील

प्रिय साथियों,
जैसा कि आप अवगत हैं कि इन दिनों देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स से सम्बद्ध जिला इकाई गोण्डा श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रचलित है। पत्रकारों के इस विशिष्ट समूह को मुख्यालय के लगभग सभी वरिष्ठ पत्रकारों का समर्थन व सहयोग प्राप्त है। संगठन की प्रदेश इकाई द्वारा जानकी शरण द्विवेदी (9452137310) के संयोजन में एक संयोजक मण्डल का गठन किया गया है, जिसमें उमा नाथ तिवारी (7398483009) व राज कुमार सिंह (8318482987) शामिल हैं। सदस्यता अभियान शुरू हो चुका है। यूनियन के वरिष्ठ साथियों के पास संगठन का फार्म उपलब्ध है। जिन पत्रकार मित्रों को हमारे संगठन की सदस्यता लेनी है, वे सदस्यता फार्म को पूर्ण रूप से भरकर पासपोर्ट आकार की एक फोटो, आधार कार्ड व बैंक पासबुक की फोटो कापी के साथ 400 रुपए जमा करके सदस्य बन सकते हैं। शर्त यह है कि इच्छुक व्यक्ति किसी समाचार पत्र, चैनल अथवा पोर्टल से सक्रिय रूप से जुड़ा हो। हम आपको यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भावी संगठन पत्रकारों के हक की लड़ाई लड़ने और उन्हें सम्मान दिलाने में सफल होगा। यहां यह बता देना समीचीन होगा कि हमारे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी मल्लिकार्जुनैया जी , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी जी तथा राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पाण्डेय जी हैं। मल्लिकार्जुनैया जी का कन्नड़ पत्रकारिता में बड़ा नाम है। वह कनार्टक राज्य से हैं। हेमंत जी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और सम्प्रति राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हैं। परमांनद जी देश की राजधानी दिल्ली के निवासी तथा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं, जो हमेशा न्यायालय में पत्रकार हितों की लड़ाई लड़ते रहते हैं।

जानकी शरण द्विवेदी
मोबाइल – 9452137310

error: Content is protected !!