Gonda News: कई लोक कल्याणकारी योजनाएं चला रहा समाज कल्याण विभाग
पात्र व इच्छुक व्यक्ति इन योजनाओं का ले सकते हैं लाभ
संवाददाता
गोण्डा। जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने बताया है कि जनपद में समाज कल्याण विभाग द्वारा कई योजनाएं संचालित हैं। इसके अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन योजना, राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास, अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता, अनुसूचित जाति व जनजाति एवं सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के पुत्रियों की शादी हेतु शादी अनुदान योजना, तथा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना आदि कल्याणकारी योजनाएं उल्लेखनीय है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत पात्रता 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के निर्धन निराश्रित व्यक्तियों जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में 46080 रुपए तथा नगरीय क्षेत्र में 56460 रुपए से अधिक न हो अथवा बीपीएल सूची वर्ष 2002 में नाम अंकित है, को 500 रुपए मासिक की दर से पेंशन दिये जाने का प्रावधान है। योजना हेतु आनलाइन आवेदन ीजजचण्ेचलण् नचहवअण्पद बेवसाइट पर किया जाता है। आनलाइन आवेदन की हार्डकापी संलग्नकों सहित सम्बधित विकास खण्ड में 30 दिन के अन्दर जमा किया जाना अनिवार्य है। ऑनलाइन आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्र हेतु संबन्धित खण्ड विकास अधिकारी तथा नगरीय क्षेत्र हेतु सम्बन्धित उप जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृतोपरान्त जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा डाटा फ्रीज व री-वेरीफिकेशन की कार्यवाही की जाती है। इसके बाद निदेशालय द्वारा पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से पेंशन की त्रैमासिक धनराशि सीधे लाभार्थियों के खाते में अन्तरित की जाती है।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना अंतर्गत निर्धन परिवार जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण में 46080 रुपए तथा नगरीय क्षेत्र में 56460 रुपए से अधिक न हो, को 18 वर्ष से 59 वर्ष आयु तक के कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो जाने पर 30000 रुपए की आर्थिक सहायता विभाग द्वारा प्रदान की जाती है। योजना से लाभ लेने हेतु आनलाइन आवेदन ेक/नचदपबण्पद वेवसाइट पर किया जाता है। आनलाइन आवेदन की हार्डकापी निर्धारित संलग्नकों सहित संबन्धित उप जिलाधिकारी कार्यालय में 30 दिन के अन्दर जमा किया जाना अनिवार्य है। उप जिलाधिकारी की संस्तुति के उपरान्त जिला स्तरीय स्वीकृति समिति से स्वीकृतोपरांत जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में अन्तरित की जाती है।
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के निर्धन परिवार के बच्चों हेतु कक्षा 06 से 12 तक की शिक्षा हेतु जनपद में तीन आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है। इन विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ छात्रावास, भोजन, नाश्ता दैनिक प्रयोग की सामग्री, वस्त्र एवं पाठ्य पुस्तकों की निःशुल्क सुविधा प्रदान की जाती है। जनपद में वर्तमान में एक विद्यालय विशम्बरपुर धानेपुर में बालिकाओं हेतु तथा दो विद्यालय बालकों हेतु जिसमें एक विद्यालय पंतनगर व एक विद्यालय सकरौरा कर्नलगंज में संचालित है। राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के अंतर्गत अपने निवास स्थान से दूर रहकर शिक्षा ग्रहण करने वाले अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के सामान्य वर्ग के छात्र/छात्राओं की आवासीय व्यवस्था के समाधान के लिये समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रति छात्रावास 48 छात्र/छात्राओं की क्षमता वाले जनपद में कुल 07 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना के अन्तर्गत गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के अत्याचार से प्रभावित अनुसूचित जाति के परिवारों को निर्धारित दरों एवं नियमों एवं प्रक्रिया के अनुसार आर्थिक सहायता घटना होने के पश्चात ई-पेमेण्ट के माध्यम से प्रदान की जाती है। हत्या अथवा स्थाई अपंगता में 8.25 लाख रुपए, बलात्कार के मामले में 4 लाख तथा अन्य मामलों में घटना की प्रकृति के अनुसार सहायता प्रदान की जाती है।
अनुसूचित जाति व जनजाति एवं सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के पुत्रियों की शादी हेतु शादी अनुदान योजना (आनलाइन प्रक्रिया) के अंतर्गत आवेदक की आय गरीबी रेखा की सीमा के अन्तर्गत होनी चाहिए अर्थात शहरी क्षेत्र में 56460 प्रति वर्ष तथा ग्रामीण क्षेत्र में 46080 प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित विधवा पेंशन पाने वाले आवेदकों को आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के आवेदकों को तहसील द्वारा आनलाइन निर्गत जाति प्रमाण पत्र का क्रमांक अंकित करना अनिवार्य होगा। विवाह हेतु किये गये आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष व वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी अनिवार्य है। योजना के अंतर्गत शादी का कार्ड लगना अनिवार्य है। पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला अथवा विकलांग आवेदक को वरीयता प्रदान की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत शादी अनुदान 20000 दिये जाने का प्राविधान है। शादी हेतु अनुदान योजना के अन्तर्गत आवेदक द्वारा ऑनलाइन आवेदन शादी की तिथि के 90 दिन पूर्व तथा 90 दिन पश्चात तक करना अनिवार्य है। आवेदन आनलाइन करने के उपरान्त हार्ड कापी ग्रामीण क्षेत्र के सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय एवं शहरी क्षेत्र के सम्बन्धित उपजिलाधिकारी कार्यालय में जमा किया जाना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत पात्रता की शर्तों के अंतर्गत कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। कन्या/कन्या के अभिभावक निराश्रित निर्धन तथा जरूरतमन्द हो। आवेदक के परिवार की आय गरीबी रेखा की सीमा 2 लाख के अन्तर्गत होना चाहिए। विवाह हेतु किये गये आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक होनी अनिवार्य है तथा वर के लिए 21 वर्ष की आयु पूर्ण होनी चाहिए। आयु की पुष्टि के लिए स्कूल शैक्षिक रिकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड तथा आधार कार्ड मान्य होगें। निर्धन परिवारों की कन्या का विवाह विधवा, परित्यक्तता/तलाकशुदा जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो, का पुनर्विवाह योजना में सम्मिलित है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांग जन अभिभावक की पुत्री, ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी।