Gonda News : सोशल डिस्टेंस और मास्क ही कोरोना से है बचाव

बचाव के लिए पहनें मास्क और आंखों की करें रक्षा : डा. देवराज

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। कोरोना के अस्तित्व में आए हुए लगभग छः महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनी है। कोरोना की वैक्सीन जब तक नहीं बन जाती, तब तक स्वास्थ्य जानकार घरेलू उपायों के उपयोग कर कोरोना से बचाव की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एक मीटर या उससे ज्यादा की शारीरिक दूरी कोरोना संक्रमण को एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने से बचा सकती है। इसके अलावा शारीरिक दूरी के साथ-साथ मास्क और आंखों की भी सुरक्षा से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
कोरोना संक्रमण के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ देवराज चौधरी का कहना हा कि कोरोना महामारी बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान अपनाई जा रही सावधानियों की अब भी जरूरत है। लॉकडाउन खुलने के बाद लोग यह समझ रहे हैं कि कोरोना समाप्त हो गया है। लेकिन यह उनका भ्रम है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने तथा हाथों को सैनिटाइज करने के साथ ही अन्य सावधानियां बरतने की खास जरूरत है। उन्होंने बताया कि कोरोना को लेकर कई जानकारी सोशल मीडिया से मिल रही है, जो कि भ्रामक भी हो सकती हैं। लॉकडाउन में छूट मिलने के कारण लोग कहीं न कहीं लापरवाह कर रहे हैं, जिससे संक्रमण के बढ़ने का खतरा बरकरार है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों में ही अब तक कोरोना के संक्रमण पाये जा रहे थे लेकिन सावधानी न बरतने पर कोरोना का सामुदायिक फैलाव हो सकता है। अतः कोरोना के प्रकोप से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाना, मास्क लगाना तथा हाथों को बार-बार साबुन-पानी से धोना व सैनिटाइज करना बेहद जरूरी है। सादा तथा पौष्टिक भोजन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विटामिन-सी के सेवन से कोरोना को हराने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त फाइबरयुक्त भोजन तथा प्रोटीन का सेवन इम्युनिटी को बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगा। इसके साथ ही उन्होने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहना जरूरी है। वहीं मास्क के सही उपयोग के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मास्क के प्रकारों के अंतर्गत “मेडिकल मास्क” व “सादे कपडे से बने मास्क” किन को इस्तेमाल करना चाहिये, ये स्पष्ट किया है, जिसके अनुसार “मेडिकल मास्क” केवल स्वास्थ कर्मचारी, मरीजों की देखभाल करने वाले कर्मचारी और वो लोग जो सर्दी व खांसी जैसे लक्षण से ग्रसित हैं वही इस्तेमाल करें। इसके अलावा “सादे कपडे से बने मास्क” आम जनता को सार्वजनिक स्थानों पर इस्तेमाल करना चाहिये, आम जनता को सम्बंधित क्षेत्र में जारी कोरोना प्रोटोकोल के तहत सरकारी निर्देशों के अनुसार इन मास्कों व अन्य बचाव प्रोटोकोलों का पालन करने की हिदायत दी गई है।

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