Gonda News: श्रमिकों के लिए कई योजनाएं चला रहा श्रम विभाग

विभाग में पंजीकरण कराकर कार्यक्रमों का लाभ उठाएं श्रमिक : डा. नितिन बंसल

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों समेत अन्य प्रकार के श्रमिक इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने बताया कि मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना में बोर्ड अन्तर्गत पंजीकृत पुरुष निर्माण श्रमिकों को उसकी पत्नी के संस्थागत प्रसवों के लिए छः हजार रुपए एकमुश्त दिया जाता है। शिशु बालक के जन्म पर पौष्टिक आहार के लिए बीस हजार रुपए एकमुश्त तथा बालिका के जन्म पर पच्चीस हजार रुपए एकमुश्त प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक को संस्थागत प्रसव की दशा में मातृत्व हितलाभ के रूप में उसकी श्रेणी के अनुरूप निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर से 03 माह के वेतन के समतुल्य पारिश्रमिक एकमुश्त एक बार में देय होगा तथा चिकित्सा बोनस के रूप में एक हजार रुपए अलग से दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त परिवार में पहली बालिका के जन्म होने पर एकमुश्त धनराशि पच्चीस हजार मात्र बतौर सावधि जमा के रूप में देय होगा। यदि जन्मी बालिका दिव्यांग हो तो यह धनराशि पचास हजार रुपए बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगी, प्रदान की जाएगी। कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत ऐसे सभी महिला/पुरुष निर्माण श्रमिक जो बोर्ड के अद्यतन विधिवत पंजीकृत सदस्य हैं, उनकी पुत्री की विवाह के लिए पचपन हजार मात्र एकमुश्त तथा अन्तर्राज्यीय विवाह करने पर इकसठ हजार रुपए एकमुश्त प्रदान की जाती है। साथ ही महिला श्रमिकों के स्वयं अपना विवाह करने के लिए यह धनराशि प्रदान की जाती है। शर्त यह है कि पंजीयन 01 वर्ष पुराना होना चाहिए तथा कन्या की आयु विवाह की तिथि को 18 वर्ष व वर की आयु 21 से कम न हो।
डीएम ने बताया कि संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम 02 संतान को कक्षा 01 से उच्चतर शिक्षा हेतु विभिन्न शर्तों के अधीन छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। छात्रवृत्ति हेतु 50 प्रतिशत छात्र उपस्थिति अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कक्षा 01-05 तक 150 रुपए, कक्षा 06-10 तक 200 रुपए, कक्षा 11-12 तक 250 रुपए, स्नातक हेतु 1,000 रुपए व स्नातकोत्तर हेतु 2,000 रुपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त इंजीनियरिंग व मेडिकल के स्नातकोत्तर डिग्री के लिए 8,000 रुपए अथवा किसी विषय के अनुसंधान हेतु 12,000 रुपए प्रतिमाह की दर से प्रदान किया जाता है। इसी योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिकों की कक्षा 10वीं व 12वीं उत्तीर्ण बालिकाओं के अगली कक्षा में प्रवेशित एवं शिक्षारत होने पर उनके विद्यालय आने जाने के लिए लेडीज साइकिल प्रदान की जाती है। मेधावी छात्र पुरस्कार योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के प्रोत्साहन के लिए कक्षा 05 से उच्चतर शिक्षा हेतु उनकी मेरिट के आधार पर कक्षावार विभिन्न प्रकार 4,000 से लेकर 22,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति अनुमन्य है, लेकिन शर्त यह है कि छात्र द्वारा प्रत्येक कक्षा में 60 प्रतिशत अंक तथा अगली कक्षा में प्रवेश का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने बताया कि निर्माण कामगार अन्तेष्टि सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को 25000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

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