Gonda News : ‘डागी’ का भय दिखाकर बच्चे को चुप कराते थे अपहर्ता

अपहरण कर्ताओं के चंगुल से मुक्त बच्चे ने बयां किया दर्द

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। जिले के कर्नलगंज कस्बे में शनिवार की सुबह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त हुआ बच्चा अपने परिवार के पास पहुंचने के बाद भी डरा सहमा है। वह अपहर्ताओं के साथ बिताए समय और उसके साथ किए गए बर्ताव के बारे में अभी थोड़ा-बहुत ही बता पा रहा है। उसका कहना है कि जब वह मम्मी की याद करके रोने लगता था तो अपहर्ता उसे ‘डागी’ आ जाने का डर दिखाकर चुप कराते थे।
आज सुबह कर्नलगंज कोतवाली परिसर में बच्चे को देखते ही उसके पिता फफक कर रो पड़े तथा मां ने बच्चे को गले लगा लिया। पिता ने हाथ जोड़कर पुलिस प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। अपहर्ताओं के चंगुल से आजाद हुए बालक ने परिजनों व पुलिस को आप बीती सुनाई। बच्चे ने बताया कि अपहर्ता उसकी आंख पर पट्टी बांधकर किसी अज्ञात स्थान पर ले गए और उसे एक कमरे में बंद कर दिया। वह बिस्तर पर लेटकर मम्मी को याद करके सुबुकता रहा। इस दौरान खाने के लिए उसे एक चिप्स का पैकेट दिया था। कभी रोने की आवाज सुनकर दो लोग कमरे में आते थे और कहते थे कि अभी डॉगी आ जाएगा। उसने बताया कि आंटी जी (गिरफ्तार महिला अपहर्ता) कभी कमरे के अंदर नहीं आईं। सभी बदमाश कपड़े से अपना चेहरा ढके रहते थे। सुबह पुलिस के पहुंचने पर अपहर्ता उसे लेकर जबरन मकान की छत पर चले गए। तब तक वहां पर भी पुलिस आ गई और इसके बाद मैं पुलिस अंकल के कब्जे में आ गया। बताते चलें कि अपहृत बालक आरुष उर्फ नमो सनराइज किड्स कान्वेंट स्कूल का छात्र है। वह विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेता रहा है। यह जानकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक केएल वर्मा ने दी है।

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