Gonda News : जिला महिला चिकित्सालय को मिला कायाकल्प एवार्ड

बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महिला अस्पताल ने एक बार फिर मारी बाजी

सरकार द्वारा अस्पताल के विकास के लिए मिली 03 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एपी मिश्र की मेहनत रंग ला रही है। अस्पताल को लगातार दूसरी बार राज्य स्तरीय कायाकल्प एवार्ड के लिए चुना गया है। प्रदेश के 360 से अधिक जिला स्तरीय चिकित्सालयों के सर्वेक्षण में प्रदेश के 77 अस्पतालों ने अवार्ड जीता है, जिसमें जिला महिला चिकित्सालय 44वें स्थान पर है।
सीएमएस डा. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अस्पतालों को प्रति वर्ष कायाकल्प एवार्ड दिया जाता है, जिसका सर्वेक्षण सरकार द्वारा कराया जाता है। सर्वे के मानकों का प्रदेश स्तरीय टीम द्वारा स्थलीय सत्यापन करने के बाद अवार्ड के लिए अस्पतालों का चयन प्रदेश स्तर से होता है। जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एपी मिश्रा के अनुसार, विगत वर्ष 2018-19 में भी जिला महिला अस्पताल को यह एवार्ड मिल चुका है। लगातार दूसरी बार इस वर्ष भी अस्पताल को यह एवार्ड मिला है। उन्होंने बताया कि एवार्ड के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 360 से अधिक जिला स्तरीय अस्पतालों का सर्वे कराया गया, जिसमें प्रदेश के 77 अस्पतालों को चयनित किया गया है, जिसमें गोण्डा महिला अस्पताल ने 74.24 प्रतिशत अंकों के साथ 44वां स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा एवार्ड के प्रोत्साहन धनराशि के रूप में 03 लाख रुपए की धनराशि दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि देवीपाटन मण्डल में सिर्फ जिला महिला चिकित्सालय गोण्डा को ही यह एवार्ड प्राप्त हुआ है।
एवार्ड के मानकों के बारे में बताते हुए सीएमएस डा. मिश्रा ने कहा कि जिला महिला अस्पताल को यह एवार्ड साफ-सफाई व्यवस्था, संक्रमण प्रतिरोधन व्यवस्था, मरीजों की देखभाल, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी मैनेजमेन्ट, बायोमेडिकल बेस्ट मैनेजमेन्ट तथा सामान्य प्रशासन सहित अन्य निर्धारित मानकों का परीक्षण के आधार पर दिया गया है। डा. मिश्रा के अनुसार, जिला महिला अस्पताल में सुविधाओं को लेकर उनके द्वारा लगातार सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप जिला महिला अस्पताल में पहले औसतन प्रतिदिन होने वाले आपरेशन की संख्या 05 से बढ़कर 15-20 हो गई है। इसी प्रकार महिला अस्पताल में प्रतिदिन 20-25 से डिलेवरी का औसत था, जो अब बढ़कर 45-50 डिलेवरी प्रतिदिन का हो गया है। प्रतिमाह 1200-1500 डिलेवरी जिला महिला अस्पताल में हो रही है। नवजात बच्चों को आईसीयू की सुविधा के लिए स्थापित एसएनसीयू यूनिट की क्षमता 5 बेड से बढ़ाकर 11 हो गई है तथा अब 06 और बेड्स की स्वीकृति शासन से मिलने के बाद जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू यूनिट की क्षमता 17 बेड की हो गई है। उनका कहना है कि एसएनसीयू यूनिट का विस्तार होने से नवजात बच्चों का जीवन बचाने में बहुत बड़ा योगदान मिलेगा। रोगियों की सेवा के लिए अस्पताल में नियमित व अस्थाई कर्मियों को मिलाकर कुल 240 स्टॉफ सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल में आयुष्मान काउन्टर तथा वातानुकूलित आयुष्मान वार्ड भी संचालित है। वहीं लगभग 19 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित आधुनिक सुविधाओं से लैस 100 शैय्यायुक्त नवीन भवन में रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। अस्पताल को दोबारा कायाकल्प अवार्ड मिलने पर जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बधाई दी है। इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है।

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