एक माह में वापस कराए गए ठगी के एक लाख से अधिक रुपए
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। मण्डल मुख्यालय पर साइबर थाने की स्थापना के बाद जिले में साइबर अपराधों में तेजी से कार्रवाई शुरू हो गई है। डीआइजी डा. राकेश सिंह ने इस क्षेत्र में काम करने के इच्छुक पुलिस कर्मियों को यहां तैनाती दी है। परिणाम स्वरूप इसके बेहतर नतीजे आने शुरू हो गए हैं। जिले के साइबर सेल ने पिछले दिनों कार्रवाई करते हुए अनेक व्यक्तियों का एक लाख रुपए से अधिक की धनराशि वापस करवाया है।
जिला पुलिस की मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि जनपद में साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर व अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार के निर्देशन में साइबर सेल द्वारा साइबर अपराधों की सूचना मिलने पर तत्काल कार्यवाही की जा रही है। परिणाम स्वरूप साइबर सेल में तैनात आरक्षी हरिओम टण्डन व महिला आरक्षी अचला के प्रयास से पिछले एक माह में ऑनलाइन ठगी के कई मामलों में ठगी गई रकम को पीड़ितों के खाते में वापस कराया गया। विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय थल सेना में नियुक्त जवान अभिषेक मणि तिवारी निवासी थाना उमरी बेगमगंज ने एक अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से उनके खाते से अज्ञात व्यक्ति द्वारा 30 हजार रुपये की धनराशि निकाल लेने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। साइबर सेल टीम ने तत्काल कार्यवाही करते हुए जालसाजों के चंगुल से पूरी रकम वापस कराई गई। कर्नलगंज के जितेन्द्र गुप्ता को फोन कॉल कर स्वयं को बैंक का कर्मचारी बताकर आवश्यक जानकारी एवं ओटीपी पूछकर उनके बैंक खाते से निकाली गयी रकम में 10000 रुपए वापस कराए। इटियाथोक के शुभम गुप्ता के 8971 रुपए, कोतवाली नगर के दिवाकर तिवारी के 4400 रुपए, अशहर खान के बैंक खाते से ठगे गए 1405 रुपए, कोतवाली नगर के ही अनिल यादव को फ्रॉड कॉल पर क्यूआर कोड स्कैन करवाकर जालसाजों ने 23867 की ठगी की थी। सभी के पैसे वापस कराये गए। इसी प्रकार कई अन्य व्यक्तियों के पैसे भी वापस कराए गए।
हरि ओम टंडन ने बताया कि साइबर ठगी से बचने हेतु ऑनलाइन ट्रांजक्शन में पैसे फंस जाने पर कभी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल से कतई न सर्च करें। सम्बंधित कंपनी के एप में ही कांटेक्ट नंबर होता है, वहीं से सम्पर्क करें। किसी भी अनजान व्यक्ति के फोन कॉल पर चाहे वह आपकी कोई भी जानकारी आपसे बताये, कभी भी बैक डिटेल, एटीएम डिटेल न शेयर करें। वाट्एएप/फेसबुक पर किसी भी लिंक को न खोलें। आपके मैसेज बॉक्स में आये किसी सन्देश को किसी अन्य को न शेयर करें। बैंक या यूपीआई कभी भी आपसे आपके खाते की डिटेल फोन पर नहीं मांगता। किसी एप से गाड़ी, मोबाइल या कुछ अन्य खरीदारी के लिए एडवांस पेमेंट कभी न करें। सामान मिलने के बाद ही पेमेंट करें।