Gonda News : घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू

ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ीं, कई गांवों में घुसा पानी

संवाददाता

गोण्डा। शारदा व गिरिजा बैराज से नदी में छोड़े गए पानी से एक बार फिर घाघरा नदी में उफान आ गया है। पहले से ही उफनाई घाघरा में छोड़ा गया 3 लाख से अधिक पानी अब अपना असर दिखाना शुरू कर चुका है। अनुमान है कि शनिवार की शाम तक यह पानी अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देगा। जानकारों की मानें तो रात तक नदी का जलस्तर 60 सेंटीमीटर से भी ऊपर तक जा सकता है, जिससे नदी की तलहटी वाले इलाकों में तबाही की आशंका प्रबल हो चुकी है तो वहीं गोण्डा में एल्गिन बांध सहित सकरौर भिखारीपुर रिंग बांध पर कई जगहों पर कटान का खतरा मंडराने लगा है। पहले से ही रेट होल साही होल सहित रैन कट की वजह से क्षतिग्रस्त बांध घाघरा के वेग को रोक भी पाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता। इधर सिंचाई विभाग का दावा है कि बांध पूरी तरीके से सुरक्षित है। बांध पर बचाव कार्य चल रहे हैं।
एल्गिन ब्रिज घाघरा घाट स्थित केंद्रीय जल आयोग संस्थान से शनिवार को मिली रिपोर्ट के अनुसार घाघरा का जलस्तर 106 दशमलव 456 दर्ज किया गया। जो कि डेंजर लेवल से 38 सेंटीमीटर ऊपर है। तो वही शारदा, गिरजा व सरयू बैराजो का कुल डिस्चार्ज 3 लाख 5 हजार क्यूसेक बना हुआ है। बैराजों से घाघरा में हो रहे डिस्चार्ज को लेकर गोंडा में एल्गिन चरसडी बांध व सकरौर भिखारीपुर रिंगबांध सहित घाघरा की जद में रहने वाले लोगों में हड़कंप है। खासकर नैपुरा, परसावल व मांझा रायपुर सहित नकहारा गांव के लोग बाढ़ को लेकर आशंकित हैं। अभी तक स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई भी राहत का कार्य नहीं किया गया है।

सरकार ने जारी की गाइड लाइन

इस बीच यूपी में बारिश और नदियों के उफान को ध्यान में रखते हुए शासन ने बाढ़ प्रबंधन और प्रभावितों के लिए राहत कैंप व राहत सामग्री की विस्तृत गाइड लाइन जारी किए हैं। बाढ़ प्रभावितों को दिए जाने वाले राहत सामग्री तथा अन्य सहायता व सहयोग को बिंदुवार बताया गया है। राहत कार्यों में में कारपोरेट क्षेत्र तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी। बाढ़ राहत में बेहतर कार्य करने वालों के लिए पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई है। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बाढ़ प्रबंधन तथा प्रभावितों की मदद तथा राहत शिविरों के संबंध में विस्तृत गाइड लाइन मंडलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को भेजे हैं। 2015 में जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक, बाढ़ से बचाकर सुरक्षित राहत शिविरों में लाए गए व्यक्तियों के साथ ही तटबंधों और अन्य स्थलों पर गांव में रह रहे लोगों जिनकी आजीविका बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित होगी, ऐसे लोगों को अहेतुक सहायता के रूप में प्रति व्यस्क 60 रुपये और प्रति अव्यस्क 45 रुपये 30 दिनों तक उपलब्ध कराई जा सकती है। पशु कैंपों के लिए चारा, पशु संतुलित आहार के अतिरिक्त पानी और दवाओं को 30 दिन तक देने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार (औसत पांच व्यक्ति) के लिए खाद्यान तथा अन्य राहत सामग्री के रप में प्रति परिवार 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भूना चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम धनिया, पांच लीटर केरोसिन तेल, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, एक लीटर रिफाइंट तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन तथा दो नहाने का साबुन दिया जाएगा। यह सामग्री एक सप्ताह के लिए होगी।

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