Gonda News : ऐसे रोक सकते हैं असुरक्षित देखभाल की वजह से होने वाली मौतें
‘स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुरक्षा : रोगी सुरक्षा के लिए प्राथमिकता’ की थीम पर मनाया जाएगा ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’
विश्व मरीज सुरक्षा दिवस (17 सितंबर) पर विशेष
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। असुरक्षित देखभाल की वजह से होने वाली मौतें रोकी जा सकती हैं। इसके लिए सही दवा, सही व्यक्ति को मिलनी चाहिए तथा सही मात्रा में व सही समय पर मिलनी चाहिए। डॉक्टर को चाहिए कि वह मरीज को दवा लेने का तरीका व समय ठीक से समझाएं, ताकि इसमें कोई गलती न हो तथा इस लापरवाही की वजह से होने वाली परेशानी से बचा जा सके। परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर ने बताया कि विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाये जाने का उद्देश्य रोगियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाना है तथा इसके लिए आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके द्वारा व्यापक स्तर पर समाज को जागरुक किया जाएगा। साथ ही साथ वैश्विक स्तर पर रोगी और स्वास्थ्य कर्मी की सुरक्षा को भी बढ़ावा देना है। रोगी की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अनुशासित व सुरक्षित बनाना होगा तथा उन्हें समाज के प्रति जवाबदेह होना होगा। 2020 में कोविड 19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत भारी दबाव पड़ रहा है। इस समय स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रोगियों की सुरक्षा ही सबसे बड़ी समस्या है, इसलिए ऐसे समय में स्वास्थ सेवाओं को कुशल व सुरक्षित करने के लिए सभी को मिलकर योगदान देना चाहिए। ऐसे कार्यों के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
क्या होती है रोगी सुरक्षा :
डॉ मलिक ने कहा कि किसी भी मरीज के इलाज के दौरान कई बार गलत दवाओं का प्रयोग हो जाता है या दवा की मात्रा कम या ज्यादा दी जा सकती है या फिर दवा देने के समय में गलती हो सकती है, इससे मरीज को बहुत बड़ा खामियाजा उठाना पड़ता है। कई बार मरीज की देखभाल के समय कोई दुर्घटना हो जाती है या फिर कोई जटिल सर्जरी के दौरान मरीज बच नहीं पाता है आदि अन्य कारण हैं, जिनसे रोगी को जान का खतरा हो सकता है। क्वालिटी एसोरेंस के जिला सलाहकार डॉ सुशील कुमार ने बताया कि इन समस्याओं के लिए जागरूकता व अनुशासन की आवश्यकता होती है, ताकि रोगी सुरक्षित तरीके से अपने रोग का इलाज करवा सके। ऐसा करने के लिए रोगी के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों को सही रणनीति का प्रयोग करना चाहिए। सुरक्षा साधनों में सुधार करना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ सेवाओं के लिए पेशेवर व कुशल स्वास्थ्य कर्मियों को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए तथा उन्नत किस्म की स्वास्थ्य सेवाएं रोगी को मुहैया करवाने चाहिए। ऐसा करने में अगर स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रकार की दिक्कत आ रही है, तो उन समस्याओं का समाधान करना भी सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला ने कहा कि विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाए जाने का उद्देश्य इलाज के दौरान रोगियों को आ रही परेशानियों के बारे में सभी का ध्यान इस ओर आकर्षित करना है तथा इस क्षेत्र में उचित बदलाव किए जाने पर ध्यान देना है इसके साथ-साथ पास कर्मियों के स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना इसका एक उद्देश्य है क्योंकि इलाज के दौरान संक्रामक रोगों का सबसे अधिक खतरा स्वास्थ्य कर्मियों को भी होता है इसलिए हमें मिलकर स्वास्थ्य हवाओं को ऊँचे दर्जे का व कुशलतापूर्ण बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए!