Gonda News:दस दिवसीय टीबी रोगी खोज अभियान में मिले 236 नए मरीज

दो से 11 नवंबर तक जिले में चलाया गया सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में दो से 11 नवम्बर तक चले दस दिवसीय सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान में 236 टीबी के नए मरीज मिले हैं, जिनमें से अब तक 186 का उपचार शुरू कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर ने बताया कि क्षय रोगी खोजी अभियान में 450 कर्मचारियों की 150 टीमें लगायी गयी थीं। प्रत्येक टीम में तीन-तीन सदस्य तथा कुल 30 सुपरवाइजर लगे थे। टीम में शामिल लोगों को टीबी रोगी खोजने के बारे में प्रशिक्षित किया गया था। अभियान के दौरान मलिन बस्ती, उच्च जोखिम क्षेत्र, दूर-दराज इलाकों और ईंट-भट्ठों के आसपास रहने वाले परिवारों पर विशेष फोकस रहा।
उन्होंने बताया कि टीम ने मुजेहना ब्लॉक को छोड़कर गोंडा सदर व 13 ब्लाकों की करीब 4.17 लाख की आबादी में टीबी रोगी खोजने का काम किया। अभियान के दौरान टीम ने कुल 2703 लोगों के बलगम का नमूना लिया, जिसमें से 236 टीबी रोगी पाए गए। अब तक इनमें से 186 मरीजों का इलाज शुरू कर उनका डिटेल निक्षय पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है ताकि उन्हें पौष्टिक आहार लेने हेतु 500 रुपये प्रतिमाह का लाभ मिलने लगे। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक विवेक सरन ने बताया कि गोंडा सदर में 9, बेलसर में 16, कर्नलगंज में 29, मनकापुर में 21, नवाबगंज में 12, रुपईडीह में 8, इटियाथोक में 17, तरबगंज में 7, परसपुर में 24, वजीरगंज में 24, बभनजोत में 10, छपिया में 15, हलधरमऊ में 22 तथा कटरा बाजार में 22 टीबी के नए रोगी मिले हैं। क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक विवेक सरन ने बताया कि पहली जनवरी 2019 से 31 दिसम्बर 2019 तक मिले सभी 6314 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इसके अलावा पहली जनवरी 2020 से 2 नवंबर 2020 तक टीबी के कुल 3948 मरीज पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से भी अब तक 2234 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। वर्तमान में 1714 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है।

टीबी रोग से ऐसे करें बचाव :

परिवार के टीबी रोगी का इलाज शीघ्र कराएं। टीबी रोगी खाँसते समय मुंह पर कपड़ा रखें। टीबी रोगी एक बंद वर्तन में थूकें। उसे जला दें या जमीन में दबा दें। सभी नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं।

टीबी रोग के लक्षण :

14 दिनों से ज्यादा बुखार। 14 दिनों सें खाँसी आना। सीने में दर्द रहना। खाँसी के साथ मुंह से खून आना। भूख कम लगना। वजन का घटना। बच्चों में वजन का न बढ़ना। रात में पसीना आना।

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