Gonda News:ग्राम पंचायतों में कैम्प लगाकर बनाया जा रहा गोल्डन कार्ड
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। मोदी केयर नाम से चर्चित आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को जिले में दोबारा पटरी लाने की कवायद शुरू हुई है। अब जिले के सभी पंचायत में कैंप लगाकर मिशन मोड में लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है। लक्ष्य का 32 फीसद अब तक हासिल किया जा चुका है। यह कहना है योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ संदीप कुमार तिवारी का।
डॉ संदीप ने बताया कि योजना के अंतर्गत चिह्नित असहाय और कमजोर वर्ग के लोगों के अस्पताल में भर्ती होने पर उनका पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में किया जाता है। लाभार्थी अपना उपचार देश के किसी भी हिस्से में सरकारी अस्पताल और योजना अंतर्गत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भी करा सकते हैं। उन्हें इसके लिए एक रुपये भी नहीं खर्च करना पड़ेगा। इसके लिए व्यापक जन जागरुकता अभियान भी विभाग की ओर से समय-समय पर चलाया जा रहा है। इस काम में विभाग आशा कार्यकर्ताओं की मदद लेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड, जिसे गोल्डन कार्ड के रूप में पहचाना जाता है। मिशन मोड में पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर बनाया जा रहा है। पहले से ही चल रही इस योजना को दोबारा प्रारंभ किया गया है, ताकि कोई लाभार्थी इस योजना का लाभ पाने से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि पंचायतों के पंचायत भवन में, सामुदायिक केन्द्रों पर या उन जगहों पर जहाँ गाँव के अधिक से अधिक लोगों की पहुँच आसानी से हो सके, शिविर लगाया जा रहा है तथा चिह्नित गरीब तबके के लोग जो पहले ही इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हो चुके हैं, वैसे सभी परिवारों का शत-प्रतिशत गोल्डन कार्ड बनाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। गोल्डन कार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए डिस्ट्रिक्ट ग्रेवियांस मैनेजर शिवांशु मिश्रा ने बताया कि इसके लिए लाभार्थियों को अपना राशन कार्ड और आधार कार्ड साथ लाना होगा। एक बार निबंधित मोबाइल नंबर में संदेश आयेगा और उसके बाद उसी नंबर के आधार पर वे देश के किसी भी हिस्से में उपचार करा सकेंगे। कैंप लगाकर कार्ड बनाने की योजना पंचायतों में शिविर लगाकर किया जा रहा था, लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा और मार्च से ही यह शिविर नहीं लग रहा था। एक बार फिर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा और कैंप मोड में अधिक से अधिक लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने के दौरान इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों का मुफ्त में इलाज संभव है। जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव ने कहा कि योजना में सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना 2011 के आधार पर जनपद के 2,05,735 परिवार चिन्हित किये गए हैं तथा अब तक 1,45,633 लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। लॉकडाउन के दौरान जिले में दूसरे राज्यों एवं प्रान्तों से आने वाले 793 प्रवासियों को आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के लाभार्थी के रूप में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जिले के 4388 लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ मिला है। वहीं योजना के शुरुआत से अब तक 11,000 से अधिक लोगों ने निःशुल्क इलाज का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि जिले में योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराने में अब तक लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये हुए खर्च हुए हैं। लोगों को त्वरित एवं आसानी से इलाज की सुविधा मिल सके, इसके लिए जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को योजना से सम्बद्ध कर दिया गया है। इससे दूर-दराज इलाकों में रहने वाले लाभार्थी परिवार अब अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही योजना के तहत निःशुल्क इलाज का लाभ ले सकते हैं।