Gonda News:एसिड़ अटैक पीड़िता लखनऊ रेफर, निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर बाजार बंद

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। जिले के परसपुर थाना क्षेत्र के पसका में मंगलवार की रात एसिड़ अटैक करके तीन बालिकाओं को जख्मी करने वाले अभियुक्त आशीष का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। उसे कल देर रात पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। इस बीच घटना की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर बुधवार को स्थानीय बाजार बंद रहे। जिला चिकित्सालय में भर्ती एक लड़की को बेहतर उपचार के लिए लखनऊ भेज दिया गया है, जबकि दो अन्य का उपचार यहीं पर चल रहा है। उधर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का भी पीड़ित परिवार के यहां पहुंचने का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा।
पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि एकतरफा प्रेम में पागल होकर एक किशोरी पर रासायनिक पदार्थ फेंकने वाले युवक आशीष चौरसिया को कल रात मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था। मुठभेड़ में वह जख्मी हो गया था। पुलिस हिरासत में उसका जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। इस बीच घटना की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पसका बाजार बुधवार को बंद रहा। व्यापार मण्डल के महामंत्री इंदल कुमार दूबे ने बताया कि प्रकरण में परसपुर के थानाध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध है। व्यापार मण्डल का कहना है कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसी को गलत तरीके से फंसाया जाना उचित नहीं है। घटना के दूसरे दिन स्थानीय नेताओं का गांव में पहुंचना जारी रहा। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आनंद मोहन उर्फ पप्पू यादव, पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह आदि ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया। इन नेताओं ने आरोपी युवक के परिवार वालों से भी भेंट किया और उनके साथ अन्याय न होने देने की बात कही। बाबू ईश्वर शरण सिंह जिला चिकित्सालय की कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ इंदुबाला ने बताया कि प्रशासन की सलाह पर एक लड़की को बेहतर उपचार के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ भेज दिया गया है, जबकि दो अन्य का स्थानीय स्तर पर इलाज चल रहा है। दरअसल आज एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था ‘छाया फाउण्डेशन’ के निदेशक दुर्गा प्रसाद शुक्ला के निर्देशन में कुछ पदाधिकारी जिलाधिकारी से मिले और बेहतर इलाज के लिए लखनऊ भेजने का अनुरोध किया। इसके बाद प्रशासन ने संगठन की देखरेख में पीड़ित बालिका को लखनऊ भेजने का निर्णय लिया। प्रशासन की तरफ से अस्पताल तथा गांव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। एक उपनिरीक्षक व दो आरक्षी पीड़ित बालिका की सुरक्षा के लिए उसके साथ लखनऊ भेजे गए हैं।
उधर मंगलवार की देर रात मुठभेड़ में दबोचे गए आरोपी आशीष चौरसिया की मां ने बेटे को निर्दोष बताते हुए पुलिस मुठभेड़ को फर्जी बताया है। आरोपी की मां लक्ष्मी चौरसिया का कहना है कि पुलिस ने बेटे को फर्जी तरीके से फंसाया है, जबकि घटना के दिन वह अपनी बहन के यहां बहराइच जिले के बिशेश्वर गंज गया था। मां ने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने परिवार के लोगों को उठा लिया और बेटे को बुलवाया। लक्ष्मी का कहना है कि अगर बेटे ने कोई गलत काम किया हो तो सजा दी जाए, निर्दोष फंसाया गया तो मैं फांसी लगा लूंगी। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की जिद कर रही है। अपर पुलिस अधीक्षक महेन्द्र कुमार ने मां के आरोपों को निराधार और पेशबंदी बताया है। उन्होंने बताया कि सीडीआर में सामने आया कि आरोपी आशीष ने मुख्य पीड़िता से कई बार बात की। छोटी बहन के बयान में भी उसका नाम आया। उन्होंने बताया कि बहराइच से आते हुए पुलिस टीम की घेराबंदी देख आरोपी ने फायर किया, जवाबी फायरिंग में उसके पैर में गोली लगी। उन्होंने बताया कि दलित बेटियों पर आरोपी द्वारा एसिड फेंकने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं।

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