Gonda : फौजदारी अदालतों द्वारा दिए गए प्रमुख फैसले

नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म, दो को 20-20 वर्ष की सजा

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने व उसके साथ दुष्कर्म करने तथा उसे भगाने में सहयोग करने वाली महिला को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार सिंह व सुनील कुमार मिश्र ने बताया कि जिले के परसपुर थाने में एक व्यक्ति ने तहरीर दिया था कि उसने नौकरी के लिए तमिलनाडु जाते समय अपनी 12 वर्षीय पुत्री को अपने रिश्तेदार राम गोपाल निवासी बेलसर रोड कस्बा व थाना परसपुर के यहां छोड़ गया था। वहां से लौटकर आने पर पता चला कि उनकी पुत्री को महेन्द्र उर्फ मोनू पुत्र सत्य नरायन निवासी कस्बा परसपुर बहला फुसलाकर भगा ले गया है। इस सूचना पर स्थानीय थाने पर अभियोग दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। विवेचक मोहन सिंह ने अभियोग की विवेचना करके मोनू के खिलाफ भादवि की धारा 363, 376, 506 व 3/4 पाक्सो एक्ट तथा श्रीमती पुष्पा पत्नी राम गोपाल गुप्ता के खिलाफ भादवि की धारा 363, 506 व 16/17 पाक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) चन्द्र मोहन चतुर्वेदी ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए उभय पक्ष के गवाहों को सुनने तथा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के उपरान्त दोनों को दोषी ठहराते हुए मोनू को बीस वर्ष के सश्रम कारावास व 33 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। जुर्माने की रकम अदा न करने पर 18 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। इसी प्रकार श्रीमती पुष्पा को तीन वर्ष के सश्रम कारवास व छह हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। जुर्माने की रकम अदा न करने पर 12 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अपराधी द्वारा विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी।

एनडीपीएस एक्ट में तीन वर्ष की सजा

जिले की एक अदालत ने सोमवार को दो वर्ष पुराने मामले में एक अभियुक्त को एनडीपीएस एक्ट में दोषी करार देते हुए तीन वर्ष का सश्रम कारावास तथा 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक (एनडीपीएस एक्ट) अनुपम शुक्ला ने बताया कि कर्नलगंज के थाने के उपनिरीक्षक मनोज कुमार ने 20 जुलाई 2020 को सतीश पुत्र सुंदर लाल निवासी लाला पुरवा कादीपुर थाना कर्नलगंज के पास से 566 गोलियां अल्प्रोजोलम बरामद किया था। अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश षष्टम्/विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) राजबहादुर रामदेव यादव ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों व उभय पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के उपरान्त सतीश को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास व 30 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। जुर्माने की रकम अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। दौरान विचारण जेल में बिताई गई अवधि सजा की कुल अवधि में समायोजित की जाएगी।

जानलेवा हमले में पिता-पुत्र को दस-दस वर्ष की सजा

जिले की एक अदालत ने धानेपुर थाना क्षेत्र में करीब 11 साल पहले एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या करने के प्रयास के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 साल का कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अभिनव चतुर्वेदी ने बताया कि धानेपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बसंतपुर मौजा जैतापुर निवासी हरि शंकर दूबे ने 17 जुलाई 2011 को थाने में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वह अपने भाई ग्राम प्रधान रमाकांत दूबे के साथ आनंद नगर बाजार गए थे। करीब आठ बजे रात में जैसे ही वापस आने के लिए गाड़ी में बैठना चाहे कि ग्राम जैतापुर के ही राम बचन उनके लड़के रजनीश व राजन मोटर साइकिल से आए और रमाकांत को जान से मारने की नीयत से पीछे से गोली मार दिया। घायलावस्था में रमाकांत को जिला अस्पताल भेजा गया है। वादी की सूचना पर स्थानीय थाने पर अभियोग दर्ज पुलिस ने विवेचना किया तथा गोली मारकर जानलेवा हमले के अपराध का साक्ष्य मिलने पर तीनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। किशोरवय होने के कारण आरोपी राजन की पत्रावली किशोर न्यायालय के सुपुर्द की गई। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी प्रथम डॉ. दीनानाथ तृतीय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, उभय पक्ष के गवाहों के बयानों तथा अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के उपरान्त राम बचन व रजनीश को दोषी करार देते हुए उन्हें आग्नेयास्त्र से गोली मारकर हत्या किए जाने के प्रयास के अपराध में 10-10 साल का कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। अदालत के आदेशानुसार जुर्माने की कुल धनराशि में से 50 फीसदी रकम पीड़ित चोटिल रमाकांत को प्रतिकर के रूप में अदा की जाएगी। अपराधी द्वारा विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी।

दहेज हत्या के जुर्म में पति, सास-ससुर को सजा

जिले की एक अदालत ने सात साल पुराने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति, ससुर व सास को दोषी करार देते हुए 10-10 साल का सश्रम कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी घनश्याम पांडेय ने बताया कि जिले के कर्नलगंज थाना क्षेत्र के निवासी भाईलाल ने 20 जुलाई 2015 को कोतवाली में तहरीर देकर कहा था कि उसने अपनी बेटी संजू की शादी ग्राम करुवा शनिचरापुर पूरे बगिया निवासी मनोज कुमार के साथ किया था। शादी में अपने सामर्थ्य के अनुसार दहेज भी दिया था। इसके बावजूद अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर उसके पति मनोज कुमार, ससुर बृजमोहन गोस्वामी, सास रामेश्वरी व रामसभा उसे प्रताड़ित करते रहते थे। एक दिन उसे मार पीटकर फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। स्थानीय पुलिस ने विवेचना करके सभी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, बचाव व अभियोजन पक्ष के गवाहों तथा उभय पक्ष के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के उपरान्त तीनों को दहेज हत्या के लिए दोषी ठहराया, जबकि आरोपी रामसभा के विरुद्ध पत्रावली में पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर न्यायालय ने उसे दोषमुक्त करार दिया। अदालत ने पति मनोज कुमार, ससुर बृजमोहन गोस्वामी व सास रामेश्वरी को दहेज हत्या के अपराध में 10-10 साल के सश्रम कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।

किशोरी से छेड़छाड़ के दोषी को तीन वर्ष की सश्रम कैद

जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग किशोरी के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास व आठ हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार सिंह व सुनील कुमार मिश्र ने बताया कि जिले के मनकापुर थाने में एक व्यक्ति की सूचना दी थी कि 14 नवम्बर 2019 की रात करीब दो बजे उसकी नाबालिग पुत्री शौच के लिए घर से निकली थी। उसी समय पवन कुमार पाठक पुत्र हीरा लाल पाठक निवासी बक्सरा आज्ञाराम लड़की का हाथ पकड़कर खींचने लगा। लड़की के शोर मचाने पर वह अपनी पत्नी नीलम के साथ मौके पर पहुंचे तो पवन कुमार फरार हो गया। पुलिस ने इस सूचना पर अभियोग दर्ज कर विवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) चन्द्र मोहन चतुर्वेदी ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए उभय पक्ष के गवाहों को सुनने तथा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के उपरान्त पवन कुमार को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास व आठ हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। अर्थदण्ड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अपराधी द्वारा विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी।

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष की सजा

जिले की एक अदालत ने घर में घुसकर किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अभिनव चतुर्वेदी ने बताया कि खरगूपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी के पिता ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि नौ दिसंबर 2019 की रात करीब 11 बजे करन पासवान निवासी ग्राम इमिलिया रज्जाक चमरुपुर थाना उतरौला जिला बलरामपुर उसके घर आए और उसकी लड़की (17) को बहला फुसलाकर भगा ले गए। पीड़िता के पिता की तहरीर पर खरगूपुर थाने की पुलिस ने अभियोग दर्ज कर विवेचना किया तथा किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के अपराध का साक्ष्य मिलने पर आरोपी करन पासवान के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी प्रथम डॉ. दीनानाथ तृतीय ने आरोपी करन पासवान को दुष्कर्म के अपराध में 10 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। अदालत ने जुर्माने की धनराशि में से 75 फीसदी रकम पीड़िता को प्रतिकर के रूप में अदा करने के आदेश दिया है।

दहेज हत्या के मामले में तीन को कठोर कारावास

जिले की एक अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति व सास-ससुर को दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी बसंत कुमार शुक्ला ने बताया कि 22 जनवरी 2020 को कलावती सिंह पत्नी हनोमान सिंह ने परसपुर थाने में तहरीर देकर कहा कि 12 मई 2019 को उसने अपनी पुत्री कंचन की शादी अंकित सिंह निवासी ग्राम चरसड़ी खारेकवा थाना परसपुर से की थी। लड़की के ससुराल में पति अंकित सिंह, ससुर मगन सिंह, सास साधना सिंह उर्फ सुमन सिंह व देवर आशीष सिंह दहेज में एक लाख रुपया और सोने की अंगूठी और चेन की मांग करते थे। मांग पूरी न कर पाने पर लड़की के पति, ससुर व सास उसे प्रताड़ित करते थे। जब लड़की का भाई विजय सिंह उसके घर गया तो बेटी का शव चारपाई पर पड़ा मिला। कलावती की तहरीर पर स्थानीय थाने पर अभियोग दर्ज कर परसपुर पुलिस ने विवेचना करते हुए दहेज हत्या का पुख्ता साक्ष्य मिलने पर आरोपी पति अंकित सिंह, ससुर मगन सिंह व सास साधना सिंह उर्फ सुमन सिंह के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। सत्र परीक्षण के दौरान जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार प्रथम ने आरोपी पति व सास, ससुर को दहेज हत्या का दोषी ठहराते हुए 10-10 वर्ष का कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अपराधी द्वारा विचारण के दौरान जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी।

गैंगेस्टर अदालत ने तीन को सुनाई सजा

जिले की एक अदालत ने हत्या व गैंगस्टर एक्ट के तीन आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 30-30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक (गैंगस्टर एक्ट) उदय प्रताप वर्मा और दान बहादुर सिंह ने बताया कि प्रागदत्त उर्फ कन्नू निवासी गोसेंद्रपुर कोल्हुवा बंसवरिया ने इटियाथोक थाने में तहरीर देकर कहा कि 14 नवंबर 2009 की रात करीब 11.45 बजे कन्ने, चंपी निवासी ग्राम गोसेंद्रपुर कोल्हुवा थाना इटियाथोक व एक अन्य व्यक्ति उसके घर में चोरी करने के लिए घुसे। उसकी मां की नाक की कील व पायल निकाल लिया। मां के शोर पर आए बड़े पिता नानमून आरोपियों को पकड़ने लगे तो उनके सिर पर कुल्हाड़ी से मार दिया। इससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने अभियोग दर्ज कर विवेचना किया तथा रामकरन उर्फ कन्ने, चंपी व फेरे के खिलाफ चोरी के दौरान हत्या, मारपीट, चोरी का सामान बरामदगी और अपराध का संगठित गिरोह का सक्रिय सदस्य होने का साक्ष्य मिलने पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। सत्र परीक्षण के दौरान विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) डॉ. अनामिका चौहान ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 30-30 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

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जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक

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