Gda : प्रशासन सतर्क, 30 गांवों में चेतावनी जारी

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। घाघरा नदी में गिरिजा, शारदा और सरयू बैराज से शुक्रवार को चार लाख 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जिले में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क है। राजस्व विभाग की टीम द्वारा तरबगंज व कर्नलगंज तहसीलों के करीब ढ़ाई दर्जन गांवों की 40 हजार से अधिक की आबादी को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए आगाह किया जा रहा है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) व पीएसी को सतर्क कर दिया गया है। इस बीच आज शाम एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 33 सेमी. ऊपर प्रवाहित हो रही है, जबकि अयोध्या में सरयू नदी का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
अपर जिलाधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा आलोक कुमार ने बताया कि घाघरा नदी में आज 436125 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। परिणाम स्वरूप नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के लिए राहत की बात यह है कि इससे पूर्व नदी का जल स्तर लाल निशान से काफी नीचे था। इसलिए इस पानी के भीषण तबाही मचाने की संभावना कम है, किंतु मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमानों तथा पहाड़ों पर हुई बरसात के उपरांत विभिन्न बैराजों से नदियों में छोड़े जा रही विशाल जलराशि को दृष्टिगत जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुट गया है। उन्होंने बताया कि तरबगंज तहसील के ऐली परसौली, साकीपुर, दत्तनगर, गोकुला, ब्यौंदा माझा, जैतपुर, बहादुरपुर आदि 20 गांव तथा कर्नलगंज के चंदापुर किटौली, पसका, नकहरा, बहुअन मदार माझा, भौरीगंज आदि 10 गांवों की करीब 40 हजार से अधिक आबादी के बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना है। इसलिए राजस्व विभाग की टीम संभावित जल प्लावन वाले गांवों में पहुंचकर लोगों को ऊंचे सुरक्षित स्थानों और बाढ़ शरणालयों में जाने की चेतावनी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण बाढ़ का पानी रात में भी गांवों में पहुंच सकता है। इसलिए सभी नागरिक अपनी जरूरी वस्तुओं के साथ घरों को बंद करके बाढ़ शरणालयों की तरफ प्रस्थान करें। एडीएम ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए जिले में 31 बाढ़ शरणालय तथा 28 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। यहां पहुंचने वाले बाढ़ पीड़ितों को शासन के निर्देशानुसार भोजन, दवाएं, खाद्यान्न आदि सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। एडीएम ने बताया कि राप्ती नदी में पानी बढ़ने पर जिले के मनकापुर और सदर तहसील में प्रवाहित होने वाली कुआनो और बिसुही नदियों में भी बाढ़ आ जाती है। इसलिए प्रशासन इन दोनों तहसीलों में भी सतर्क है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
कर्नलगंज के एसडीएम भारत भार्गव ने बताया कि आज यहां पर 14 मिमी. वर्षा रिकार्ड की गई है। नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा लेखपाल क्षेत्र में लगातार कैम्प कर रहे हैं। लोगों को सचेत किया जा रहा है कि अपने जरूरी कागजात यथा आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल इत्यादि समय से सुरक्षित कर लें, जिससे पानी में भीगकर नुकसान होने की संभावना न रहे। गांव में जैसे ही पानी बढ़ना शुरू करे, तत्काल सुरक्षित स्थान पर प्रस्थान कर जाएं। पानी के ज्यादा बढ़ने की प्रतीक्षा न करें। बाद में उन्हें असुविधा हो सकती है। बाढ़ शरणालयों में प्रशासन की तरफ से समुचित प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लगाई गई नावों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग, पीएसी की जल पुलिस तथा एसडीआरएफ टीम को भी सतर्क कर दिया गया है। इस बीच तरबगंज के एसडीएम विशाल कुमार शुक्रवार को कटान की त्रासदी झेल रहे चहलवा गांव के कटान पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को फौरी राहत के तौर पर राशन किट का वितरण किया। मजरे के जो दो पक्के मकान कटान की भेंट चढ गए थे, उनके मालिकों सोना देवी और नकछेद यादव को एक लाख बीस हजार रुपये की दर से खाते में अनुदान राशि के भुगतान के कागजात सौंपे। उन्होंने सभी कटान पीड़ित परिवारों को गांव के भूमि पर ही आवासीय पट्टा दिए जाने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने का आश्वासन भी दिया। इस मौके पर तहसीलदार रंजन वर्मा, लेखपाल ओपी वर्मा, प्रधान जय सिंह समेत कई कटान पीड़ित मौजूद रहे।

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