BRC उतरौला पर आयोजित द्वितीय चरण में नोडल शिक्षकों का 5 दिवसीय प्रशिक्षण का शनिवार को समापन
उतरौला /बलरामपुर
समावेशी शिक्षा के अंतर्गत बीआरसी उतरौला पर आयोजित द्वितीय चरण में नोडल शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण का समापन शनिवार को हो गया।
64 परिषदीय विद्यालयों के नोडल शिक्षकों ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।
प्रशिक्षक सुमन त्रिपाठी, शैलेश कुमार पाण्डेय तथा शाह मोहमद द्वारा समावेशी शिक्षा को कैसे विद्यालयों में और प्रभावी बनाए जाने, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाने पर विधिवत चर्चा किया गया। इसके अलावा शिक्षकों को नि:शक्तता के प्रकार, विभिन्न प्रकार के नि:शक्तता के कारण, समावेशी शिक्षा के उद्देश्य, नि:शक्त बच्चों के लिए कक्षा समायोजन सहित अन्य महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी गई।
बताया कि दोनों चरणों का दस दिवसीय ऑफलाइन प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है अब इन्ही नोडल शिक्षकों को 80 दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा।
खंड शिक्षा अधिकारी धिकारी सुनीता वर्मा ने कहा कि शारीरिक रूप से नि:शक्त बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह शिक्षा हासिल कर समाज की मुख्य धारा से जुडे़ इसके लिए सरकार द्वारा समावेशी शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत सभी विद्यालयों में एक-एक शिक्षक को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि वे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षा प्रदान कर सके।
बीईओ ने प्रशिक्षण हासिल करने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अनुभव व जानकारी को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के शिक्षण कार्य में सदुपयोग करने की सलाह दी।
शहनाज बानो, ब्रजेश चौधरी, श्रवण कुमार, मोहम्मद उस्मान, काजिम अली, मोहम्मद असलम, रविकांत चौधरी, साजिद इमाम, मनोज जायसवाल, हसन इमाम, संजय कुमार, अमरनाथ मौर्य, सुनीता देवी सुमित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।