Friday, June 13, 2025
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जबरदस्त बलोच विद्रोह से हिल गया पाकिस्तान

बलोचिस्तान के मंगोचर शहर पर विद्रोहियों के कब्जे से गृह युद्ध का खतरा

बलोच विद्रोह ने मंगोचर को बनाया युद्धभूमि, पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर बढ़ा तनाव

इंटरनेशनल डेस्क

क्वेटा। बलोच विद्रोह की गंभीरता एक बार फिर सामने आई, जब बलोचिस्तान के कलात जिले के मंगोचर शहर पर बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों ने कब्जा जमा लिया। यह कब्जा सिर्फ भौगोलिक नहीं, बल्कि पाकिस्तान की संप्रभुता पर गहरी चोट है। इस हमले में विद्रोहियों ने सरकारी इमारतों, सैन्य शिविरों और पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाया।

शहर में दहशत, पाक सेना की पकड़ कमजोर
3 मई 2025 को शुरू हुए इस बलोच विद्रोह ने पाकिस्तान की पश्चिमी सीमाओं पर संकट को बढ़ा दिया है। स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया पर जो वीडियो साझा किए हैं, उनमें मंगोचर की सड़कों पर सशस्त्र विद्रोहियों की खुली आवाजाही और सरकारी इमारतों पर उनके झंडे फहराते हुए देखे गए। रिपोर्ट के अनुसार, पाक सेना और विद्रोहियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई और कई सैन्यकर्मी मारे गए।

बलोच विद्रोह का उद्देश्य और रणनीति
बलोच लिबरेशन आर्मी, जो वर्षों से बलोचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग कर रही है, अब पहले से ज्यादा संगठित और आक्रामक नजर आ रही है। मंगोचर में हुए इस ताजा बलोच विद्रोह में उन्होंने न केवल सैन्य शिविरों पर कब्जा किया, बल्कि हथियार भी लूट लिए। पूर्व गृह मंत्री जिया लंगोव के चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई, जिन्हें विद्रोही आइएसआइ का सहयोगी मानते थे।

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मंगोचर में बलोच विद्रोहियों का कब्जा
मंगोचर शहर पर बलोच विद्रोहियों का कब्जा और पाकिस्तानी सेना की असफल प्रतिक्रिया

पहलगाम हमले के बाद और गहराया भारत-पाक तनाव
22 अप्रैल 2025 को भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी ने ली, जिसे पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा जाता है। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में नई तल्खी आ गई। पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी, लेकिन इसी दौरान बलोच विद्रोह का यह उभार उसकी तैयारियों की पोल खोल रहा है।

बलोच विद्रोह के पिछले संकेत और हालिया घटनाएं
बलोच विद्रोह कोई नई बात नहीं है, लेकिन मंगोचर पर कब्जा इसकी तीव्रता और दायरे का स्पष्ट संकेत है। मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस हाईजैक कर 380 यात्रियों को बंदी बनाया गया था। इसके बाद ’ऑपरेशन ग्रीन बोलन’ में 64 लोगों की मौत हुई। 26 अप्रैल को विस्फोट में 10 पाकिस्तानी अर्धसैनिक जवान मारे गए। इन सबके तार मंगोचर में जारी बलोच विद्रोह से जुड़ते हैं।

आंतरिक असंतोष और गृह युद्ध की आशंका
पाकिस्तान आर्थिक संकट, कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता से पहले ही जूझ रहा है। मंगोचर पर बलोच विद्रोहियों का कब्जा इस असंतोष को हिंसक रूप में सामने लाता है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बलोच विद्रोह यूं ही आगे बढ़ता रहा तो पाकिस्तान एक बड़े गृह युद्ध की ओर बढ़ सकता है।

बलोच विद्रोह से डगमगाया पाकिस्तान
मंगोचर शहर पर बलोच विद्रोह और पाकिस्तानी सेना की असफल प्रतिक्रिया

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क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा
बलोच विद्रोह न सिर्फ पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि भारत, अफगानिस्तान और ईरान के साथ उसके रिश्तों को भी जटिल बना रहा है। अफगान सीमा से जुड़ी गतिविधियों और भारत के साथ बिगड़ते संबंध क्षेत्रीय शांति के लिए खतरे की घंटी हैं। भारत ने इस मामले पर संयमित प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान से अपने घरेलू हालात सुधारने की बात कही है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें पाकिस्तान पर
बलोच विद्रोह पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका सहित कई वैश्विक संगठनों ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि वह बलोच जनता के साथ शांतिपूर्ण संवाद करे और बल प्रयोग से बचे। मंगोचर पर बलोच विद्रोह ने मानवाधिकार उल्लंघनों की संभावनाओं को भी उजागर किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ सकता है।

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