Bahraich News: स्वामित्व योजना भविष्य के लिए मील का पत्थर-मुकुट बिहारी
26 लाभार्थियों को मिला आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी)
संवाददाता
बहराइच। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पायलट चरण के छः प्रमुख राज्यों हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के स्वामित्व योजना के तहत लाभार्थियों को डिजिटली आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) वितरण कार्यक्रम के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा द्वारा तहसील सदर बहराइच के ग्राम सुहापारा, अहिरौरा, अजातापुर, अलियाबुलबुल डीहा, दुलारपुर, फतना, नगरौर, सगरा तथा सरबहदा के 26 लाभार्थियों को आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) का वितरण किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि गांव गरीब किसान, गांव का उत्थान के सपने को पूरा करने के लिए ग्रामीण आबादी क्षेत्र के विधिमान्यीकरण हेतु ग्रामीण आबादी क्षेत्र का समुचित अभिलेख तैयार करने के लिए नवीन ड्रोन प्रद्योगिकी के उपयोग से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर उनके स्वामित्व सम्बंधी अभिलेख तैयार करने हेतु केन्द्र सरकार की योजना के तहत घरौनी का वितरण किया गया है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी सम्पत्ति को एक वित्तीय परिसम्पत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए वित्तीय स्थिरता प्रदान करना। इस अभिलेख से तमाम तरह के विवादों पर भी विराम लगेगा। यह योजना भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
विधायक पयागपुर सुभाष त्रिपाठी व बलहा श्रीमती सरोज सोनकर ने भी स्वामित्व योजना को एक महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि गांव में मकानों का स्वामित्व मिलने से तमाम तरह के विवाद का अन्त होगा तथा बैंको से ऋण लेने व अन्य वित्तीय सहायता प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। स्वामित्व अभिलेख मिलने से गृह स्वामी गौरवान्वित महसूस करेंगे। इस योजना से ग्राम पंचायतों की व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वामित्व योजना से व्यक्तिगत ग्रामीण सम्पत्ति के सीमांकन के अलावा अन्य ग्राम पंचायत और सामुदायिक सम्पत्ति जैसे गांव की सड़के, तालाब, नहरें, खुले स्थान, स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य उपकेन्द्र आदि का भी सर्वेक्षण कर जीआईएस मानचित्र बनाये जायेगें। इसके अतिरिक्त जीआईएस नक्से और स्थानिक डाटाबेस ग्राम पंचायतों व राज्य सरकार के अन्य विभागों द्वारा किये गये विभिन्न कार्यो के लिए सटीक कार्य अनुमान तैयार करने में भी मदद करेंगे। इनका उपयोग बेहतर गुण्वत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने के लिए भी किया जा सकता है।
कार्यक्रम में तहसील सदर बहराइच अन्तर्गत ग्राम सुहापारा के प्रताप नरायण व श्याम, अहरौरा के गोबरे व हरिशन्द्र, अजातापुर के भेलानाथ, राधेश्याम, श्रीमती रामकला व श्रीमती फूल जहां, अलियाबुलबुल के बालक राम व मकबूल अहमद, डीहा के इन्द्रपाल व कमलेश, दुलारपुर के रूस्तम अली व मुजफ्र अली, फतना के केशव राम व तिलकराम, नरगौर के अब्दुल हई, राजेन्द्र, श्रीमती सुमन देवी व श्रीमती कमल जहां, सगरा के समीउल्लाह, किढ़ियावन, श्रीमती मालती व श्रीमती मीरा तथा सरबहदा के स्वामीदयाल व राम खबर को आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) का वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, अपर जिलाधिकारी जयचन्द्र पाण्डे, मुख्य राजस्व अधिकारी प्रदीप कुमार यादव, उप जिलाधिकारी सदर सौरभ गंगवार आईएएस, जिला पंचायत राज अधिकारी उमाकान्त पाण्डें, एनआईसी के तकनीकि निदेशक एस.ए.एच रिजवी सहित अन्य अधिकारी, लाभार्थी व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।