Bahraich News:फसलों का अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध

तकनीक का इस्तेमाल कर निपटाएं फसलों का अवशेष

संवाददाता

बहराइच। प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजीड्यू योजनान्तर्गत विकास भवन सभागार में आयोजित जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम/गोष्ठी को सम्बोधित करती हुई मुख्य विकास अधिकारी कविता मीणा ने कहा कि जनपद बहराइच की भूमि की उर्वरा शक्ति बहुत अच्छी है। इस उर्वरा शक्ति को बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। किसान भाई अपने फसल अवशेष को जलाएं नहीं, बल्कि फसल अवशेष प्रबन्धन के विभिन्न तकनीकी विधियों का उपयोग करते हुए फसल अवशेष का निस्तारण कर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं। इससे आपके उत्पादन में वृद्धि होगी। साथ ही आपके आय में भी बढ़ोत्तरी होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही है। किसान बन्धु इन योजनाओं का लाभ उठाकर फसल अवशेष प्रबन्धन करें। उन्होंने कहा कि मा. सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी व शासन पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील है। फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है। फसल अवशेष जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कार्यवाही भी की गयी है। मुख्य विकास अधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद में 15 अक्टूबर से धान खरीद शुरू हो रहा है। सभी उपजिलाधिकारी अपने क्षेत्रों के धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण कर सुचारू रूप से धान खरीद शुरू कराये। यह भी सुनिश्चित किया जाय कि किसानों का समय से भुगतान भी हो जाय।
गोष्ठी के दौरान कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु तथा मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त पशुओं के चारे की भी समस्या उत्पन्न होती है तथा कभी-कभी व्यापक आग की घटनाओं के कारण जन-धन की भारी क्षति भी होती है। विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर किसान भाई अपने फसल अवशेष का निस्तारण कर सकते है। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि कटर कम स्प्रेडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रोटरी स्लेशर, श्रब मास्टर, सुपर स्ट्रा मैनेमेन्ट सिस्टम, मल्चर, श्रेडर आदि के माध्यम से फसल अवशेष का प्रबन्धन किया जा सकता है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा पूसा डिकम्पोजर कैप्सूल व इफ्को बायोडीकम्पोजर द्वारा भी फसल अवशेष का निस्तारण किया जा सकता है। अन्य अधिकारियों द्वारा भी फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बंध में किसानों को महत्पूर्ण सुझाव दिये गये।
गोष्ठी के दौरान जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्राप रेजिडयू योजनान्तर्गत कृषि यंत्रों सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, श्रब मास्टर, कटर कम स्प्रेडर, रिसर्सेबुल एमबी प्लाऊ, रोटरी स्लेसर, जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल तथा रोटावेटर पर 50 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त फसल अवशेष मशीनरी के कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने हेतु 80 प्रतिशत तक अनुदान की सुविधा उपलब्ध है। किसान भाई इन यंत्रो का उपयोग कर फसल अवशेष को खेत में मिलाएं और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाये। उन्होंने यह भी बताया कि जनपद में फसल अवशेष के खरीद की भी सुविधा उपलब्ध है किसान भाई इसका भी लाभ उठा सकते है। किसान भाई केसीसी कार्ड बनाये जाने के अभियान का भी भरपूर लाभ उठाये। फसल अवशेष प्रबन्धन पर किसानों द्वारा भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। जबकि लीड बैंक प्रबन्धक ने किसानों को केसीसी निर्गत करने के लिए चलाये जा रहे अभियान की जानकारी देते हुए किसानों से अपील की कि अभियान का भरपूर लाभ उठाये। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर सौरभ गंगवार आईएएस, कैसरगंज महेश कुमार कैथल, महसी, एस.एन. त्रिपाठी, पयागपुर कीर्ति प्रकाश भारती, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह, कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक डा. शैलेन्द्र सिंह व अन्य कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान तथा अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।

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