होम आइसोलेटेड कोरोना मरीजों के घर पर पोस्टर लगाना गैरजरूरी: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना के चलते होम आइसोलेशन में भेजे गए लोगों के घर के बाहर पोस्टर लगाने को गैरजरूरी बताया है। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह के पोस्टर तभी लगाए जाएं, जब डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सक्षम अधिकारी ने आदेश जारी किया हो।
कोर्ट ने इस मामले में पिछले 3 दिसम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि उसने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पिछले 19 नवम्बर को पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना के मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाना जरूरी नहीं है। पिछली सुनवाई के दौरान 1 दिसम्बर को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ऐसा करने का निर्देश उसकी ओर से नहीं दिया गया है। राज्य सरकारों ने सम्भवत: इसलिए ऐसा किया होगा ताकि उस इलाके से कोई अजनबी शख्स बिना एहतियात के कोरोना मरीज के संपर्क में ना आये। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हकीकत ये है कि जब ऐसा कोई पोस्टर किसी कोरोना मरीज के घर के बाहर चस्पा हो जाता है तो समाज उसे अछूत की तरह देखने लगता है।
याचिका में कहा गया था कि कई राज्य ऐसा कर रहे हैं। यह सम्मान के साथ जीवन और निजता के अधिकार का हनन है। याचिका में कहा गया था कि होम आइसोलेशन में रहनेवाले मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाना मरीज की निजता के अधिकार का हनन है। कोरोना संक्रमित मरीजों को इतनी निजता देनी चाहिए कि वो इस बीमारी से शांतिपूर्वक उबर सकें और लोगों की चर्चा का केंद्र बनने से बच सकें। इसके अलावा लोग खुलेआम अपना टेस्ट कराने से बच रहे हैं ताकि क्योंकि उन्हें भी अपने सामाजिक बहिष्कार का डर सताता है।