हाईकोर्ट ने 27 से खुली अदालत में सुनवाई की गाइडलाइन जारी की
न्यूनतम जरूरी स्टाफ के साथ बैठेगी विशेष अदालतें, जिनके मुकदमे कोर्ट में वही करेंगे प्रवेश
प्रयागराज(एजेंसी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 27 जुलाई से खुली अदालत के साथ-साथ वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते इसे पूर्व केवल आन साइट व आफ साइट व आनलाइन लिंक के जरिए ही सुनवाई की व्यवस्था की गयी थी। किन्तु वकीलों के विरोध के चलते इसे स्थगित कर दिया गया है। अब वकील द्वारा मांगे जाने पर वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से सुनवाई होगी और साथ ही खुली अदालत में भी बहस की जा सकेगी। जिसके लिए दिशा निर्देश जारी किए गये हैं।
24 जुलाई को महानिबंधक द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार 27 जुलाई से विशेष अदालतें सीमित स्टाफ के साथ बैठेगी। मुकदमों का दाखिला आनलाइन व मैनुअल दोनो तरीके से हो सकेगा। पुराने वही मुकदमे सुने जायेंगे जिनकी अर्जेन्सी अर्जी कोर्ट ने स्वीकार की होगी। ऐसे केस अतिरिक्त वाद सूची में होंगे। नये मुकदमों की सूची हाईकोर्ट वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। रिपोर्टिंग अनुभाग किसी भी फाइल के डिफेक्ट के कारण न रोक कर कोर्ट में भेजेगा। हर फाइल सेनेटाइजेशन की जायेगी तभी कोर्ट में जायेगी।
अधिवक्ताओं का परिसर प्रवेश गेट संख्या 3 व 1 से होगा। स्टाफ को गेट संख्या 3 बी से प्रवेश की अनुमति होगी। अधिवक्ता चेम्बर्स बंद रहेंगे। वकीलों के बैठने की अलग से व्यवस्था होगी। जिनके मुकदमे कोर्ट में लगे होंगे ई-पास से उन्हें प्रवेश की अनुमति होगी। निर्धारित ड्रेस कोड स्थगित रहेगा। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग, हैंड वाश व सेनेटाइजर की सुविधा उपलब्ध रहेगी। सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा और सोसल व शारीरिक दूरी बनाये रखना जरूरी है। हाट स्पाट एरिया के अधिवक्ता को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। उनके द्वारा ई-मेल से दाखिला ही स्वीकार किया जायेगा।
सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग की टीम मेडिकल सहायता के लिए मौजूद रहेगी। परिसर में पान, गुटका, तंबाकू, खाना, शराब पीकर आना प्रतिबंधित कर दिया है। यह दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। परिसर के आसपास दुकानें बंद रहेगी। वाहन पार्किंग में दूरी रखी जायेगी। बिना हलफनामे के याचिका दाखिल की जा सकेगी। लाकडाउन की समाप्ति के बाद एक माह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का आश्वासन देना होगा। आनसाइट व सेवा केन्द्रों में आफसाइट व्यवस्था निलंबित कर दी गयी है। मुकदमों के दाखिले की परिसर के बाहर व्यवस्था की गयी है।