हाईकोर्ट का चुनाव ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों की मौत पर आयोग से सवाल, कोविड गाइड लाइन का पालन न कराने पर क्यों न किया जाए दंडित

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों की कोरोना से मौत को गम्भीरता से लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के क्रियाकलापों की कड़ी निंदा की है।यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा एवं जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मामले की सुओ मोटो संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है । कोर्ट ने आयोग व इसके 27 अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए उनसे पूछा है कि पंचायत चुनाव के दौरान कोविड गाइड लाइन का पालन करने में आयोग कैसे विफल रहा। कोर्ट ने कहा कि क्यों न उन्हें इसके लिए दंडित किया जाए। ऑक्सीजन संकट पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि आज़ादी के सात दशक के बाद भी हम लोगों को आक्सीजन नहीं दे पा रहे हैं ।

कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना के बढते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार को दिन में दो बार हेल्थ बुलेटिन जारी करने का निर्देश दिया है। यह बुलेटिन लखनऊ, प्रयागराज,  वाराणसी, आगरा, कानपुर नगर, गोरखपुर व झांसी मस्थित बड़े सरकारी अस्पतालों के सम्बंध में जारी में जारी किया जाए ताकि इससे लोगों को रोगियों के स्वास्थ्य की जानकारी मिल सके। कोर्ट ने सरकार को डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि कितने बेड आईसीयू व कोविड वार्ड में सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में हैं।

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