स्वामी श्रीशीतलानंदनाथ शास्त्री 102 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन
कानपुर(हि.स.)। श्रीकरपात्री जी महाराज के परम शिष्य विद्या उपासक अनेकानेक विषयों के ज्ञाता श्री कान्यकुब्ज पीठाधीश्वर अनंत विभूषित परम पूज्य संत शीतलानंदनाथ शास्त्री 102 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गए। आपने कानपुर कैंट में स्थित श्री ललितांबा ट्रस्ट पीठ आश्रम में आखिरी सांस ली।
परम पूज्य संत शीतलानंदनाथ शास्त्री को सनातन धर्म में श्री विद्या उपासक क्षेत्र का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था। हाल ही में 25 अक्टूबर को गुरुदेव का 101वां जन्मदिन मनाया गया था। और वह 102 वर्ष में प्रवेश हुए थे।
वह जब ब्रह्मलीन हुए तब अपने आश्रम में ही थे। स्वामीजी महाराज पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका मधुराज नर्सिंग होम में उपचार चल रहा था। वह अपने आश्रम में शनिवार को अंतिम सांस ली। श्री महाराज के आखिरी समय में आश्रम में रहने वाले उनके प्रधान शिष्य आचार्य हरिओम शास्त्री सहित स्वामी के परिवारिक एवं शिष्य जन उनके पास थे।
पूज्य गुरुदेव भगवान का अंतिम संस्कार रविवार को शक्ति योग आश्रम नाना राव घाट मैस्कर घाट कैंट कानपुर में होगा।
राम बहादुर/राजेश