स्किजोफ्रेनिया बीमारी की जद में आए कई लोग
– मरीज को हमेशा किसी के धक्का देने का होता है अहसास
हमीरपुर(हि.स.)। जिले में तमाम लोग अब स्किजोफ्रेनिया बीमारी की जद में आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के जांच कैम्प में ही दर्जनों मरीजों का परीक्षण किया गया, जिसमें कई मरीजों में ऐसे भी लक्षण देखे गए जो हमेशा किसी के धक्का देने का अहसास करते हैं। मरीजों की काउंसिलिंग कर उन्हें दवाएं दी गई हैं।
हमीरपुर जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अर्से से चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जिले भर मरीजों की काउंसिलिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के काउंसिलिंग कैम्प में ही तमाम मरीज स्किजोफ्रेनिया बीमारी की गिरफ्त में मिले है जिन्हें लेकर मानसिक चिकित्सक भी हैरान है। न्यूरो साइकेट्रिस्ट डा. प्रवीण सचान ने बताया कि स्किजोफ्रेनिया एक ऐसा मानसिक विकार है जो लोगों के विचार, अनुभूति और व्यवहार पर गंभीर असर करता है। इस बीमारी में मरीजों के लिए वास्तविक और काल्पनिक अनुभवों में फर्क करना कठिन हो जाता है।
उन्होंने बताया कि यह बीमारी व्यक्ति को समाज से ही अलग-थलगकर देता है। साइको थेरिपिस्ट डा. नीता ने बताया कि स्किजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है, लेकिन यह कोई अभिशाप नहीं है। वक्त से पहले इलाज कराने से ऐसे विकारों से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि 25 मरीजों की काउंसिलिंग की गई है जिसमें तमाम मरीजों में स्किजोफ्रेनिया बीमारी के लक्षण मिले हैं। इसके अलावा मानसिक दिव्यंगता के तमाम मरीजों की जांच की गई है। जिन्हें दवाएं दी गई हैं। साइको थेरिपिस्ट ने मरीजों की जांच कर उनके परिजनों को नियमित रूप से एक ही डाक्टर से इलाज कराने की सलाह दी है।
स्किोजोफ्रोनिया से हमेशा किसी के धक्का देने का होता है अहसास
साइको थेरिपिस्ट डा. नीता ने बताया कि मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आम लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उन्हें मानसिक विकारों का समय से इलाज कराने और झाड़ फूंक से परहेज करने की सलाह दी जा रही है।
काउंसिलिंग कैम्प में 10 मरीजों को देखा गया। चौंतीस साल के एक मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज को हमेशा यह अहसास होता है कि कोई उसे पीछे से धक्का दे रहा है। जिससे एक बार वह सूखे कुएं में गिर गया था। हालांकि कुआं ज्यादा गहरा न होने के कारण उसे छह घंटे कुएं से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। कई मरीज ऐसे भी देखे गए जिन्हें अक्सर अजीबो-गरीब आवाजें आने का अहसास होता है।
पंकज/मोहित