सुप्रीम कोर्ट ने तय की महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने की समय सीमा
– शिंदे गुट के 33 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर 31 दिसंबर तक फैसला लेने का निर्देश
– कोर्ट ने एनसीपी के विधायकों की अयोग्यता पर 31 जनवरी, 2024 तक फैसला लेने को कहा
नई दिल्ली(हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के शिवसेना और एनसीपी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता पर फैसला लेने की समय सीमा तय कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र के स्पीकर को एकनाथ गुट के 33 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर 31 दिसंबर तक और एनसीपी के विधायकों की अयोग्यता पर 31 जनवरी, 2024 तक फैसला लेने को कहा है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि अयोग्यता याचिकाओं को निष्प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान स्पीकर की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बीच में विधानसभा सत्र और दिवाली और क्रिसमस की छुट्टी के चलते विलंब होगा। फिर भी वह 31 जनवरी तक निपटारे की कोशिश करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला लेने की समय सीमा बताने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को आखिरी मौका दिया था। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि स्पीकर 30 अक्टूबर तक बताएं कि विधायकों की अयोग्यता के मामले में कब तक फैसला लेंगे। 13 अक्टूबर को कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसले लेने में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की तरफ से हो रही देर पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर यूं ही अनिश्चित काल तक अपने फैसले को नहीं टाल सकते। कम से कम अगले चुनाव तक फैसला लें। चीफ जस्टिस ने कहा था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। कोर्ट के आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को एनसीपी नेता जयंत पाटिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को शिवसेना के उद्धव ठाकरे की याचिका के साथ टैग करने का आदेश दिया था। एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने विधानसभा के स्पीकर की ओर से अयोग्यता के मामले को जानबूझकर लटकाए रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में हो रही देरी के खिलाफ उद्धव गुट ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
संजय/संजीव/सुनीत