सुप्रीम कोर्टः किसान आंदोलन पर सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता ने सड़क खाली कराने की मांग की
नई दिल्ली (हि.स.)। किसान आंदोलन पर सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता ऋषभ शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सड़क तुरंत खाली कराने की मांग की है। हलफनामा में कहा गया है कि शाहीनबाग प्रदर्शन मामले में आए फैसले का पालन करवाया जाए। इस मामले पर 11 जनवरी को सुनवाई होनी है।
हलफनामा में कहा गया है कि किसानों के सड़क जाम से लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। प्रदर्शन और रास्ता जाम की वजह से हर रोज करीब 3500 करोड़ रुपये का नुक़सान हो रहा है। इससे लोगों के आवागमन और आजीविका कमाने के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। हलफनामा में कहा गया है कि पंजाब में मोबाइल टावर तोड़े जा रहे हैं। किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली करने की योजना बनाई है।
पिछले 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक नई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए उसे दूसरे मामलों के साथ टैग कर दिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि किसानों के आंदोलन को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई है। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि आगे आने वाले कुछ दिनों में इस बात की पूरी संभावना है कि दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंचें। नई याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। याचिका में 1954 के संविधान संशोधन को चुनौती दी गई है। इस संशोधन के तहत कृषि उत्पाद बिक्री से जुड़ा विषय समवर्ती सूची में डाला गया था।
गौरतलब है कि पिछले 17 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा था कि हमने क़ानून के खिलाफ प्रदर्शन के अधिकार को मूल अधिकार के रूप में मान्यता दी है, उस अधिकार में कटौती का कोई सवाल नहीं, बशर्ते वो किसी और की ज़िंदगी को प्रभावित न कर रहा हो। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या जब तक बातचीत से कोई समाधान नहीं निकल जाता, क्या सरकार कानून लागू नहीं करने पर विचार कर सकती है। कोर्ट ने कहा था कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही फैसला सुनाएंगे। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा था कि हम मामले का निपटारा नहीं कर रहे हैं। बस देखना है कि विरोध भी चलता रहे और लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन न हो। उनका जीवन भी बिना बाधा के चले।