सीमा पर गतिरोध के मुद्दे पर सांसदों ने दिया स्थगन प्रस्ताव

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संकट के बीच सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है। कुछ देर पहले शुरू हुई संसद की कार्यवाही में तस्वीर बदली-बदली नजर आई। कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेन्सिंग का खास प्रभाव देखने को मिला। इसके इतर विपक्ष ने मानसून सत्र में सीमा पर गतिरोध के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। 
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और के. सुरेश ने लोकसभा में पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर स्थगन प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है जरूरी है कि पड़ोसी देश के साथ सीमा पर बने हालात पर चर्चा हो। इस विषय की गम्भीरता को समझना जरूरी है।
सांसद पीके कुन्हालीकुट्टी ने भी भारत-चीन सीमा पर विवाद के मुद्दे पर स्थगन नोटिस दिया है। कुन्हालीकुट्टी ने कहा है कि “पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण और अतिरंजित स्थिति है, जहां चीन हमारी जमीन पर अतिक्रमण करने के लिए नापाक खेल खेल रहा है।” ऐसी स्थिति में इस विषय पर चर्चा आवश्यक है।
क्या होता है स्थगन प्रस्तावस्थगन प्रस्ताव ऐसा प्रस्ताव होता है, जो देश की किसी गंभीर और अविलंबनीय समस्या पर चर्चा के लिए लाया जाता है। ऐसी समस्या जिसे टालना देश या समाज के लिए घातक हो सकता है। ऐसे में इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सदन की सारी नियमित कार्यवाही रोक दी जाती है, यानी स्थगित कर दी जाती है। इसीलिए इसे स्थगन प्रस्ताव कहते हैं। सामान्यतया सदन, कार्यसूची में दर्ज मदों के अनुसार ही कार्य करता है लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर पहले की सारी अनुमतियां और तय प्रक्रियाएं रोक दी जाती हैं। 

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