सावन माह के दूसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या का सुखद संयोग, शिवभक्तों में उत्साह

काशीपुराधिपति के दरबार में श्रद्धालुओं के प्रवेश और दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था

स्पर्श दर्शन एवं सुगम दर्शन की सुविधा पूर्णत: प्रतिबंधित

वाराणसी (हि.स.)। सावन माह के दूसरे सोमवार पर काशीपुराधिपति के दरबार में दर्शन पूजन के लिए शिवभक्तों में जबरदस्त उत्साह है। इस बार सावन के दूसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या, बुधादित्य योग जैसे शुभ संयोग भी बन रहे हैं। ऐसे में बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक के लिए शिवभक्त और कांवड़िये रविवार देर शाम से ही कतारबद्ध होने लगेंगे। श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन् के लिए दरबार में विशेष व्यवस्था बनाई गई है।

पुलिस उपायुक्त सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी के अनुसार दूसरे सोमवार पर मंदिर में प्रवेश और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था बनाई गई है। दरबार में फूल-माला, छोटे पात्र में दूध / जल और मनी पर्स के अतिरिक्त सभी सामग्रियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि व्यवस्था का पालन करते हुए पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें। मंदिर में जाने के पहले श्रद्धालुओं को अपने जूते-चप्पल बाहर उतारना होगा। मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामग्री, बड़े बैग, विस्फोटक पदार्थ/आग्नेयास्त्र और कॉस्मेटिक सामग्री लेकर मंदिर में जाने पर मनाही है। पहले सोमवार की भांति स्पर्श दर्शन एवं सुगम दर्शन की सुविधा पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। जो भी दैनिक पास जारी किए गए हैं, वे अमान्य रहेंगे। जो दर्शनार्थी मैदागिन चौराहा की ओर से आएंगे, वे गेट नंबर-चार के पास बने चेकिंग पॉइंट से प्रवेश करेंगे।

दर्शन के बाद नंदू फारिया निकास द्वार से निकलेंगे। इसी तरह जो दर्शनार्थी गोदौलिया चौराहे की ओर से आएंगे, वह बांसफाटक से कोतवालपुरा होते हुए ढूंढीराज गणेश चेकिंग पॉइंट से प्रवेश करेंगे। दर्शन के बाद नंदू फारिया निकास द्वार से निकलेंगे। जो दर्शनार्थी दशाश्वमेध घाट की ओर से आएंगे, वे सरस्वती फटाक से प्रवेश कर वाईएसके-2 चेकिंग पॉइंट से होकर दर्शन के बाद सरस्वती फाटक से ही निकलेंगे।

इसी क्रम में जो दर्शनार्थी नंदू फारिया प्रवेश द्वार की ओर से प्रवेश करेंगे, वे वाईएसके-1 चेकिंग पॉइंट से होते हुए दर्शन के बाद नंदू फारिया निकास द्वार से निकलेंगे। ललिता घाट की ओर से आने वाले श्रद्धालु भैरव गेट, लाइब्रेरी रैंप चेकिंग पॉइंट से प्रवेश करेंगे। दर्शन के बाद चौक पूर्वी निकास द्वार से ललिता घाट की तरफ निकलेंगे।

श्रीधर/बृजनंदन

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