सावन का दूसरा सोमवार: काशीपुराधिपति की नगरी हुई केशरियामय, दरबार में आस्था का सैलाब

– सोमवती और हरियाली अमावस्या के सुखद संयोग में बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग पर अखंड जलधार,शाम को बाबा का गौरी-शंकर का विशेष श्रृंगार

वाराणसी (हि.स.)। सावन माह के दूसरे सोमवार पर श्री काशी पुराधिपति की नगरी चटख आस्था के केशरिया रंग में डूब शिवमय हो गई है। सोमवती अमावस्या, हरियाली अमावस्या, बुधादित्य योग जैसे शुभ संयोग में शिवभक्त दरबार में भोर से ही पावन ज्योतिर्लिंग पर आस्था का अखंड जलधार गिरा रहे है।

दरबार में सुबह आठ बजे तक लगभग एक लाख 90 हजार शिवभक्त और कांवड़िए हाजिरी लगा चुके थे। दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी है। पावन ज्योर्तिलिंग की झांकी दर्शन पाकर और काशी विश्वनाथ धाम के भव्य और नव्य विस्तारित स्वरूप को देख शिवभक्त और कांवड़िये आह्लादित हैं। मंदिर के गर्भगृह से गंगा तट तक बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं। कांवड़ियों से मंदिर परिक्षेत्र का हर कोना केसरिया और नगर में कंकर-कंकर शंकर का नजारा दिख रहा है।

इसके पूर्व रात 3:30 पर बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग की विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य श्रृंगार कर मंगला आरती हुई। इसके बाद मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धा की अटूट कतार स्वर्णिम दरबार में दर्शन पूजन के लिए उमड़ पड़ी। लाखों श्रद्धालु रविवार शाम से ही बाबा के भक्ति में रम दर्शन पूजन के लिए कतार बद्ध रहे। शिवभक्त और कावंडियों की बाबा के दर्शन् के लिए व्याकुलता देख राहगीर भी बोल बम-हर-हर महादेव का उद्घोष कर उनका उत्साह बढ़ाते रहे। रविवार रात बारह बजे तक शयन आरती के बाद मंदिर का कपाट बंद होने से पहले तक विश्वनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई थी। थकावट, उमस के बीच नंगे पाव चलने से पैरों के छाले भी उनकी भक्ति की राह नही रोक पाये। धाम और दरबार में पहुंचते ही हर-हर महादेव का उद्घोष बाबा के प्रति समर्पण उनके अंग-अंग से झलक रहा था।

मार्कंडेय महादेव धाम में उमड़े लाखों शिवभक्त

चौबेपुर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई हैं। रविवार शाम से ही श्रद्धालु दरबार में पहुंच गये थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए जिला प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की है। धाम से तीन किलोमीटर पहले कैथी तिराहे पर ही सभी प्रकार के वाहन रोक दिए जा रहे है। श्रद्धालु गंगा-गोमती संगम में डुबकी लगाने के बाद मार्कंडेय महादेव धाम दर्शन-पूजन व जलाभिषेक करने पहुंच रहे है।

श्रीधर/मोहित

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