सरकार का जवाबी हमलाः राज्यसभा में हंगामा करने वाले नेताओं पर हो सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्र सरकार ने संसद में विपक्ष के व्यवहार को शर्मनाक और निंदनीय करार देते हुए गुरुवार को मांग की कि ऐसे आचरण पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई सांसद इस तरह का व्यवहार ना करे।

राज्यसभा में मंगलवार और बुधवार को विपक्ष की ओर से किए गए हंगामे पर सरकार का पक्ष रखने के लिए आज छह केंद्रीय मंत्री एक साथ प्रेस वार्ता करने पहुंचे। विपक्ष के आरोपों को खारिज करने के साथ उन्होंने सरकार का पक्ष मीडिया के माध्यम से देश के सामने रखा।

राज्यसभा में सदन के नेता केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का आचरण साधारण से परे था और सदन के नियमों के मुताबिक उस पर कार्रवाई संभव नहीं है। हमने सभापति से अनुरोध किया है कि इस मुद्दे पर एक कमेटी का गठन कर गहराई से जांच की जानी चाहिए और इस समिति को सदन में लगे सीसीटीवी के फुटेज मुहैया कराये जाने चाहिए। इस कमेटी के माध्यम से ही देश के सामने सच्चाई और विपक्ष की असली मंशा व हिंसक सोच सामने आएगी।

एक प्रश्न के उत्तर में पीयूष ने बताया कि हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने का समय नहीं था और उनका आचरण नियमों से भी परे निंदनीय था। इस दौरान मार्शल के साथ दुर्व्यवहार किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की ओर से किए गए हंगामे को पूर्व नियोजित करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बुधवार को विधायी कार्यों पर चर्चा के दौरान उन्हें धमकी दी थी कि अगर ओबीसी विधेयक के बाद कोई और विधेयक पारित करने की कोशिश की गई तो पहले से भी ज्यादा हंगामा किया जाएगा।

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार जल्दबाजी में विधेयक पारित करा रही है और उसका सारा ध्यान इन्हीं की ओर है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम संसद में विधेयक पारित करना ही है। विपक्ष अगर इस पर चर्चा को तैयार नहीं है तो इसमें सरकार क्या कर सकती है। हम विपक्ष के व्यवहार को निंदनीय मानते हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।

मार्शल के सांसदों के साथ मारपीट करने का आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी । विपक्ष के सांसदों पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे कोई दोबारा ऐसी हरकत न करे। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात हो गई। महिला मार्शल केवल अपना दायित्व निभा रही थीं। उनके साथ ऐसा व्यवहार किसी को शोभा नहीं देता।

विपक्ष के हंगामे के केंद्र में रहे पेगासस मामले पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने इस पर स्वयं से आगे बढ़कर अपना पक्ष रखा था और इस दौरान विपक्ष को भी प्रश्न पूछने का अवसर भी था। गोयल ने इन आरोपों का खंडन किया कि बाहर से बुलाकर मार्शल सदन में लाए गए थे। उन्होंने कहा कि यह मार्शल नियमित तौर पर वहां कार्यरत हैं और इनकी संख्या भी 30 थी। मंगलवार के हंगामे को देखते हुए इन्हें तैनात किया गया था। इसमें 12 महिला और 18 पुरुष मार्शल थे।

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष संसद से लेकर सड़क तक केवल अराजकता की बात कर रहा है। उसका यह मूल एजेंडा है। उन्हें देश के लोगों और करदाताओं की कोई चिंता नहीं है। संसद में उनका कृत्य निंदनीय है और अब वह घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नए मंत्रियों को राज्यसभा में जाकर चर्चाओं को सुनने का कहा था लेकिन हमें वहां जाकर पता चला कि वहां संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन होता है।

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