सपा ने प्रशासन की कार्यशैली को बताया तानाशाह, भाजपा नेता से दुर्व्यवहार पर उठाये सवाल
आचार संहिता के नाम पर शर्मनाक करतूत: पम्मू यादव
हरदोई (हि.स.) सपा के वरिष्ठ नेताओं ने आज सामूहिक प्रेसवार्ता में प्रशासन की कार्यशैली पर जमकर निशाना साधा। पूर्व अध्यक्ष पदमराग सिंह यादव पम्मू एवं जितेन्द्र वर्मा जीतू ने पत्रकारों से कहा भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा की पत्नी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ एवं श्री वर्मा के साथ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा चुनाव आचार संहिता के पालन के नाम पर जो शर्मनाक दुर्व्यवहार किया गया । इस दुर्व्यवहार के चलते उनकी पत्नी को गहरा मानसिक आघात पहुंचा जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई उसकी घोर निन्दा व कड़ी भर्तसना करता हूँ। यह घटना पूरे जनपद के राजनैतिक वातावरण की आज तक की सबसे शर्मनाक व निन्दनीय है। सवाल अब इस बात का है कि श्री वर्मा के साथ हुए प्रशासनिक दुर्व्यवहार व उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी सजा मिलेगी या नहीं?
ये घटना किसी सामान्य नागरिक के साथ नही बल्कि समाज के एक बेहद सम्मानजनक वरिष्ठ नागरिक एवं सत्तारूढ दल के वरिष्ठ नेता व पूरा जीवन समाज की सेवा में लगाने वाले बेदाग ईमानदार छवि के वरिष्ठ भाजपा नेता के साथ हुई इसलिए और भी निन्दनीय है। हरदोई के प्रशासनिक अधिकारी बेलगाम हो चुके है सरकार का अफसरशाही पर कोई नियन्त्रण नहीं रह गया है ऐसा लगता है चुनाव आचार संहिता नही बल्कि आपातकाल घोषित हुआ हो।
कल मैं जब उनके घर शोक सम्वेदना व्यक्त करने पहुंचा तो देखा बी० जे०पी० व आर०एस०एस० के बड़े-बड़े नेता फोन पर वर्मा जी से कहते सुनाई पड़ रहे थे कि आपके साथ गलत हुआ बहुत दुःख हुआ पर किसी ने यह नहीं कहा कि मैं जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करवाऊंगा।
ऐसा प्रतीत होता है कि बी० जे०पी० नेता जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से डरते हैं या फिर मिलकर लूट घसोट व दलाली में संलिप्त होगें तभी दबे हुए है। जिस सरकार व दल का प्रशासन पर नियन्त्रण न हो और अपने ही दल के कार्यकर्ता के मान सम्मान को बचा न सके उसे गद्दी पर बैठने का हक नहीं। जिस तरह वर्मा जी वीडियों में बार-बार रो रो कह रहे हैं कि डी०एम० ने फोन तक न उठाया, ये कोई नयी बात नहीं जिलाधिकारी अपने पद के घमण्ड में सत्ता की चाटुकारिता के चलते हिटलरशाही पर आमादा हैं, सरकारी सी यू जी नम्बर सरकार ने जनता की व जन प्रतिनिधियों की समस्या सुनने के लिए दिया गया। वो मोबाईल तो मात्र ओ०एस०डी०, डी०एम० के हाथ की शोभा बना रहता है। जब फोन मिलाओ हर समय एक ही जबाव डी०एम० साहब मीटिंग में हैं सूचना दे देगें।
जिलाधिकारी हरदोई, 31 लोकसभा क्षेत्र के रिर्टनिग आफीसर भी है मुख्य विपक्षी दल की घोषित प्रत्याशी ऊषा वर्मा का विषम से विषम स्थिति में भी फोन से बात न हो पाती ये हाल है भाजपा सरकार के जनसेवकों का। अभी पिछले कुछ दिन पहले एक और उदाहरण सामने आया कि थाना हरपालपुर के ग्राम सेमरिया के 28 लोगों पर अपने विकास की मांग करने पर आपराधिक मुकदमें दर्ज कर दिये। इस प्रकरण में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल को जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया था कि ग्राम वासियों पर कोई पुलिसिया अत्याचार न होगा। पर रोज ही कोई न पुलिसकर्मी सेमरिया गांव जाकर डराने धमकाने का काम कर रहा।
ऐसी घटनाओं के दो ही कारण हो सकते या तो भाजपा सरकार जनता के साथ-साथ अफसरों का भी शोषण अत्याचार कर रहे, जिससे वे अवसादग्रस्त होकर खिसिया कर जनता व राजनैतिक व्यक्तियों का शोषण करते रहें या फिर सरकार के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को वचन दिया है कि प्रशासनिक मशीनरी का दुरपयोग कर बी० जे०पी० को चुनाव जितवा देगें। इसलिए भाजपना के बड़े नेता अपने ही कार्यकर्ता का अपमान सह रहे चुप चाप बैठ कर सह रहे है। समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेगें जहां कही शोषण व अत्याचार होगा उसके खिलाफ आवाज उठायेगें एवं शोषित के साथ संघर्ष करेगें। समाजवादी पार्टी सदा से अन्याय व अत्याचार के खिलाफ सघर्ष करने वाली पार्टी है अभी तक हम लोग आम जनमानस किसानों, नौजवानों, महिलाओं एवं अपने कार्यकर्ताओं के लिए सघर्ष करती रही पर अब लगता है अपने मुख्य विरोधी दल भाजपा के कार्यकर्ताओं व नेताओं के मान सम्मान व स्वाभिमान की रक्षा भी समाजवादी पार्टी को ही करनी पड़ेगी।
अम्बरीष