श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने निर्माण समिति का किया गठन, प्रो. वीएस राजू होंगे अध्यक्ष

– इसके अलावा निर्माण समिति में कुल आठ सदस्य होंगे 
अयोध्याा (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण समिति का गठन किया है। आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. वीएस राजू को इसका अध्यक्ष और सीबीआरआई, रुड़की के निदेशक प्रो.एन. गोपलाकृष्णन को संयोजक बनाया गया है। समिति में एनआईटी, सूरत के निदेशक प्रो. एसआर गांधी, आईआईटी, गुवाहाटी के निदेशक प्रो. टीजी. सीताराम, आईआईटी, दिल्ली के एमेरिटस-प्रोफेसर प्रो. बी. भट्टाचार्जी, टीसीई सलाहकार एपी मुल, आईआईटी, मद्रास के प्रो. मनु संथानम, आईआईटी, मुंबई के प्रो. प्रदीपता बनर्जी को सदस्य बनाया गया है। 
ट्रस्ट के महामंत्री एवं विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने शुक्रवार को बताया कि लार्सन टुब्रो कम्पनी को मंदिर निर्माण का कार्य दिया है। निर्माता कंपनी के सलाहकार के रूप में ट्रस्ट ने टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स को चुना है। संपूर्ण मंदिर पत्थरों से बनेगा और तीन मंज़िला होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मंज़िल की ऊंचाई 20 फ़ीट होगी। मंदिर की लंबाई 360 फ़ीट तथा चौड़ाई 235 फ़ीट होगी। भूतल से 16.5 फ़ीट ऊंचा मंदिर का फ़र्श बनेगा और  भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी। धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण तथा भविष्य के सम्भावित भूकम्प के प्रभाव का अध्ययन किया गया है। 
उन्होंने बताया कि ज़मीन के नीचे 200 फीट तक भुरभुरी बालू पायी गयी है। गर्भगृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर ही सरयू नदी का प्रवाह है। इस भौगोलिक परिस्थिति में 1000 वर्ष आयु वाले पत्थरों के मन्दिर का भार सहन कर सकने वाली मज़बूत व टिकाऊ नींव की ड्राइंग पर आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी गुवाहाटी, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, लार्सन टूब्रो व टाटा के इंजीनियर आपस में परामर्श कर रहे हैं। बहुत शीघ्र नींव का प्रारूप तैयार होने के बाद निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा। 
 

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