शिक्षार्थियों की क्षमता का विकास करना विश्वविद्यालय का उद्देश्य : प्रो. सीमा सिंह
-मुक्त विश्वविद्यालय ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से किया एमओयू
प्रयागराज(हि.स.)। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय एवं बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झॉंसी शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य बृहस्पतिवार को परस्पर समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। मुक्त विवि की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने कहा कि शिक्षार्थियों की क्षमता का विकास करना ही विश्वविद्यालय का उद्देश्य है।
शिक्षा के क्षेत्र में एक दूसरे को सहयोग देने के लिए मुक्त विवि की कुलपति प्रो. सीमा सिंह एवं बुन्देलखण्ड विवि झॉंसी के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय की उपस्थिति में मुक्त विवि के कुलसचिव कर्नल विनय कुमार एवं बुन्देलखण्ड विवि के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने परस्पर सहमति पत्र एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
मुक्त विवि की कुलपति ने कहा कि मुक्त विवि के शिक्षार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में बुन्देलखण्ड विवि की विशिष्टताओं का लाभ मिलेगा। जो उनके कैरियर संवर्धन में काफी लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निरंतर मार्गदर्शन में मुक्त विवि औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ ही महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थानों के साथ एमओयू साइन करके उनकी विशेषताओं से शिक्षार्थियों को लाभान्वित करने की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए बुन्देलखण्ड विवि के साथ एमओयू प्रक्रिया सम्पन्न कराई गई।
बुंदेलखंड विवि के कुलपति ने कहा कि उप्र राजर्षि टण्डन मुक्त विवि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत डिग्री, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कार्यक्रमों के साथ ही रोजगार परक कार्यक्रमों को भी संचालित कर रहा है। मुक्त विवि के इन सभी कार्यक्रमों का लाभ बुंदेलखंड क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलेगा। उन्होंने कुलपति प्रो. सीमा सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का यह एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय उनके नेतृत्व में चतुर्दिक प्रगति कर रहा है। सरकार की तरफ से चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रमों को मुक्त विवि सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। निश्चय ही आज दोनों विश्वविद्यालयों के परस्पर समझौता पत्र एमओयू पर हस्ताक्षर होने से प्रदेश के छात्रों को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर मुक्त विवि के डॉ दिनेश सिंह एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
विद्या कान्त/बृजनंदन