शारदा बैराज से छोड़े गए पानी से कठौता झील में हलचल

लखनऊ (हि.स.)। लखीमपुर के शारदा बैराज से आठ हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद लखनऊ में तृतीय जलकल की कठौता झील में पानी पहुंचा। कठौता झील में नहरों के माध्यम से पहुंचे पानी से झील में हलचल होने लगी है।

मई और जून माह में पड़ी भीषण गर्मी से कठौता झील का पानी सूख रहा था और इससे गोमती नगर विस्तार, चिनहट और पॉलिटेक्निक क्षेत्र में बसे लाखों लोगों को पेयजल समस्या उत्पन्न हो सकती थी।

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नहरों की समस्याओं को दूर करने के लिए लखीमपुर के शारदा बैराज से पानी छोड़ने का निर्देश जारी किया। 48 घंटे में नहरों से छोड़ा हुआ पानी लखनऊ तक पहुंचा और इसमें कठौता झील भी लाभान्वित हुई है।

लखीमपुर स्थित शारदा बैराज पर कार्यरत अधिशासी अभियंता अम्बिकेश ने शनिवार को यह बताया कि प्रतिदिन आठ हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसमें एक हजार क्यूसेक पानी प्रति घंटा की रफ्तार से छोड़ने का कार्य जारी है।

उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के लखनऊ खंड में कार्यरत अधिशासी अभियंता ओपी मौर्या ने बताया कि शनिवार की सुबह कठौता झील के लिए बड़ी हलचल लेकर आई है। बैराज से छोड़ा हुआ पानी शारदा सहायक की नहरों और कठौता झील तक पहुंचा है और इससे 30 सितम्बर तक पर्याप्त जल एकत्रित हो चुका होगा।

उन्होंने बताया कि विभागीय आदेश के अनुसार 30 सितम्बर तक लखीमपुर स्थित शारदा बैराज से पानी छोड़ने का निर्देश है।

शरद/दीपक/मोहित

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