शरद पूर्णिमा पर बृज में देवी लक्ष्मी को चढ़ता है खीर
आगरा (हि.स.)। शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी को खीर का भोग चढ़ाया जाता है। मान्यता के अनुसार देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण कर अपने भक्तों को धन-धान्य से सम्पन्न करती हैं। ब्रज क्षेत्र में आज के दिन देवी भक्त रात भर जगकर देवी की आराधना करते हैं।
ब्रज क्षेत्र में आज ब्रजवासी शरद पूर्णिमा का त्यौहार मना रहे हैं। आज के दिन धर्म कर्म से जुड़े लोग पूरे दिन व्रत रख रात को कोजागरा करेंगे। जानकारी के अनुसार शरद पूर्णिमा से चार तरीके की मान्यताएं जुड़ी हुई है। इनमें से सबसे पहली मान्यता देवी लक्ष्मी से जुड़ी है। कहा जाता है कि आज के दिन दिन मध्यरात्रि को देवी लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पूरेे पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस दिन लोग पूरे दिन व्रत रख रात को कोजागरा कर देवी की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।
दूसरी मान्यता के अनुसार आज के दिन ही श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था। जिस कारण से चंद्र देव ने अपनी चांदनी की अमृत वर्षा से पृथ्वी को नहलाया था। तीसरी मान्यता के अनुसार भगवान् श्रीकृष्ण और राधा रूप में जन्मी माँ लक्ष्मी के बीच रासलीला का आरंभ भी शरद पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। वहीं चौथी मान्यता के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कुमार कार्तिकेय का जन्म भी शरद पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। आज के दिन देवी लक्ष्मी का विशेष महत्व होने के कारण बृजवासी खीर का प्रसाद बना उसे चंद्र की किरणों से निहाल करके देवी को भोग लगाते हैं। जिसके पश्चात अगले दिन लोग ब्राह्मणों को प्रसाद खिला स्वयं प्रसाद ग्रहण करते हैं।
श्रीकांत