व्यापार : दबाव में शेयर बाजार, अगले हफ्ते भी बनी रह सकती है चुनौतियां
नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला कारोबारी सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा लेकिन सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को कई दिनों की बिकवाली के बाद बाजार पर तेजड़िये हावी होते नजर आए। लगातार गिरावट के बाद शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों चढ़कर बंद हुए, लेकिन मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के ये दोनों सूचकांक अपने सपोर्ट लेवल के नीचे बंद हुए, जिसकी वजह से जानकार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि एक बार फिर शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बना रह सकता है। अगर ऐसा हुआ तो शेयर बाजार के लुढ़कने का सिलसिला जारी रह सकता है।
पिछले कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स में 1.8 फीसदी और निफ्टी में 1.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस ओवरऑल गिरावट की बात अगर छोड़ भी दें, तो छोटे और मंझोले शेयरों में तुलनात्मक तौर पर ज्यादा बड़ी गिरावट दर्ज की गई। जहां बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 2.59 फीसदी लुढ़क गया, वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.4 फीसदी की नरमी दर्ज की गई।
ओवरऑल परफारमेंस को देखें तो बीएसई 500 इंडेक्स में करीब 30 स्टॉक ऐसे रहे, जिनमें 10 से 30 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। इनमें डिश टीवी, बैंक ऑफ इंडिया, रेमंड्स, आईडीबीआई बैंक और फ्यूचर रिटेल जैसी कंपनियों के स्टॉक्स शामिल हैं।धनी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट संजीव धनी के मुताबिक पिछले हफ्ते शेयर बाजार में लगातार आई गिरावट और उतार-चढ़ाव की वजह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों रही हैं। भारत सहित दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने बाजार पर काफी नकारात्मक असर डाला है। इसके साथ ही यूएस बॉन्ड यील्ड के लगातार पांच कारोबारी सप्ताह से बढ़त बनाए रखने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव की स्थिति बन गई है। इन बॉन्ड्स को आमतौर पर निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है। सामान्य तौर पर मंदी के दौरान निवेशक बांड में ही पैसा लगाना ज्यादा पसंद करते हैं। जब अर्थव्यवस्था में स्थिरता की स्थिति बनती है, तो लोग शेयर बाजार जैसे ज्यादा जोखिम वाले निवेश विकल्प की ओर जाते हैं। अभी कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्था दबाव में है। खासकर अमेरिका इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसलिए अमेरिकी निवेशक बांड जैसे सुरक्षित निवेश को तरजीह दे रहे हैं। ऐसा होने से शेयर बाजार पर दबाव की स्थिति बनती जा रही है।
बाजार विश्लेषकों का ये भी कहना है कि भारतीय शेयर बाजार इस समय रोटेशन के दौर से गुजर रहा है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से बाजार पर दबाव की स्थिति बनी हुई है लेकिन अगर हालात सामान्य रहे और अर्थव्यवस्था की रिकवरी जारी रही, तो आने वाले दिनों में दबाव में चल रहे सेक्टर्स में तेजी का रुख बन सकता है। ऐसा होने पर जिन स्टॉक्स में हाल के दिनों में दबाव दिखा है, उनमें खरीदारी बढ़ सकती है।