(विश्व कैंसर दिवस) अनियमित जीवन शैली के कारण बड़ी संख्या में कैंसर की चपेट में आ रहीं महिलाएं

लखनऊ (हि.स.)। देश में बड़ी संख्या में महिलाएं कैंसर की चपेट में आ रही हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण अनियमित जीवन शैली और समय से स्क्रीनिंग एवं जरूरी एचपीवी वैक्सीन न लगवाना है। इसी के प्रति जागरुकता के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की रेडिएशन अंकोलोजी की प्रोफेसर डॉ. रोहिनी खुराना ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि कैंसर के मामलों में स्क्रीनिंग बहुत प्रभावी है। लक्षण दिखने से पहले ही पता लग जाता है कि प्री कैंसर की स्थिति है या नहीं। इससे इलाज आसान हो जाता है। प्रजनन अंगों के कैंसर में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की जा सकती है। कैंसर से बचाव के लिए समय पर वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ वजन नियंत्रित करना, संतुलित और पौष्टिक भोजन करना, धूम्रपान से परहेज करना और सुरक्षित यौन संबंध बनाना, नियमित व्यायाम करना चाहिए।

एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवाएं महिलाएं : डॉ. रेखा सचान

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान ने बताया कि हर प्रकार के कैंसर के अलग लक्षण और निशान होते हैं, लेकिन योनि से असामान्य रक्तस्राव होना या रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव होना, माहवारी के दौरान सामान्य से अधिक रक्तस्राव जैसे लक्षण दिखें तो जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। सर्वाइकल कैंसर, वैजाइनल कैंसर और वुलवर कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के द्वारा होते हैं जो कि आम यौन संचारित संक्रमण है। इस वायरस से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन कारगर है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार विश्व में होने वाले कुल कैंसर के मामलों में चौथे स्थान पर महिलाओं में होने वाला सर्वाइकल कैंसर है। डॉ. सचान के अनुसार भारत में स्तन कैंसर के बाद होने वाला दूसरा प्रमुख कैंसर सर्वाइल कैंसर है। इसलिए 26 साल की आयु तक सभी को एचपीवी की वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।

कैंसर नहीं छीन सकेगा मां बनने का सुख

इंदिरा आईवीएफ के चीफ डॉ. पवन कुमार यादव ने बताया कि कई बार शादी के बाद महिलाएं कैंसर की चपेट में आ जाती हैं। ऐसी महिलाओं को मां बनने में दिक्कत होती है। इस हालात में अब कई विकल्प आ गये हैं। ओबेरियन टिश्यू के अलावा महिलाएं और पुरुष स्पर्म भी सुरक्षित रखवा सकते हैं। इसका खर्च भी ज्यादा नहीं हैं। इसलिए अब कैंसर भी महिलाओं से मां बनने का सुख नहीं छीन सकेगा।

नियमित टीकाकरण में शामिल होगा सर्वाइकल कैंसर का टीका

उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ कैंसर की पहचान करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके टीका को नियमित टीकाकरण में शामिल करने की योजना है। साथ ही कैंसर की जांच करने के लिए अब हर जिला अस्पताल और जिलों के 10 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में थर्मल एबलेशन जैसी अत्याधुनिक मशीन लगेगी। इस मशीन से बहुत ही कम समय में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच हो सकेगी। वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर का टीका निजी अस्पतालों में लगाया जा रहा है या कोई भी खरीद कर लगवा सकता है। नियमित टीकाकरण अभियान के महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ल ने बताया कि अभी यह टीका दो खुराक में लग रहा है। विदेश से आयात करने के कारण सर्वाइकल कैंसर का टीका अभी काफी महंगा पड़ रहा है।

बृजनन्दन

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