विश्वनाथ कॉरिडोर में मंदिर के महंत परिवार के इतिहास को प्रदर्शित करने की मांग

वाराणसी, 05 मार्च (हि.स.)। भारतीय सवर्ण संघ के महासचिव पं. साधु तिवारी ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर परिसर में मंदिर के पूर्व महंत परिवार के साढ़े तीन सौ वर्षों से अधिक के इतिहास को प्रदर्शित करने की मांग की है। शुक्रवार को दिल्ली से वाराणसी आये तिवारी ने श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी से उनके टेढ़ीनीम स्थित आवास पर पहुंच कर आर्शिवाद लिया। 
इस दौरान मीडिया से बातचीत में साधु तिवारी ने कहा कि काशी की लोक परंपराओं के निर्वाह में विश्वनाथ मंदिर के महंत परिवार का योगदान बहुत ही विशेष है। इस देश में जब अधिकारियों के नाम की सूची उनके कार्यालय में टांगी जा सकती है। तो विश्वनाथ कॉरिडोर में महंत परिवार से जुड़ा विवरण भी प्रदर्शित करने में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ मंदिर की लोक परंपराओं से जुड़े रजत विग्रह अति शीघ्र डा. तिवारी को उपलब्ध कराए जाने चाहिए। 
उन्होंने आशंका जताई की इस प्रकरण में वास्तविक जानकारियां प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से छिपाई गई हैं। तिवारी ने कहा कि वे खुद मंख्यमंत्री से मुलाकात का समय लेकर स्वयं इन तथ्यों से उन्हें अवगत कराएंगे। 
एक सवाल के जबाब में तिवारी ने कहा कि भारतीय सवर्ण संघ जातिगत आधार पर आरक्षण समाप्त करने का पक्षधर है। इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा गया है। जातिगत आरक्षण के कारण दोहरा नुकसान हो रहा है। आरक्षण का लाभ वही लोग उठा पा रहे हैं जो सम्पन्न हो चुके हैं दूसरी तरफ सवर्ण जाति के गरीब किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं पा रहे। 
उन्होंने कहा कि जिन लोगों की सालाना आय तीन लाख या इससे कम हैं । उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए । चाहे वह किसी भी जाति के हों। सरकार की पेंशन नीति पर आपत्ति करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का पेंशन बंद कर देना और जनप्रतिनिधियों को पांच साल तक पेंशन देना कहां का न्याय है। 

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