विरले ही धरती पर ऐसे लोग पैदा होते हैं, जिनके नेतृत्व को नेता के रुप में स्वीकार्यता मिलती है

नेताजी मुलायम सिंह दीर्घकाल तक याद किये जायेंगे

वाराणसी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को 82 साल की उम्र में निधन हो गया। समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ’नेताजी’ नाम से प्रसिद्ध मुलायम सिंह के संघर्ष और जीवन से जुड़े यादों को साझा कर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर द्विवेदी ने मुलायम सिंह यादव के सियासी तेवर और संघर्ष को याद कर कहा कि मुलायम सिंह यादव के निधन से देश के समाजवाद का एक युग समाप्त हो गया। विरले ही धरती पर ऐसे लोग पैदा होते हैं जिनके नेतृत्व को नेता के रुप में स्वीकार्यता मिलती है नेता जी दीर्घकाल तक याद किये जायेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार सुशील मिश्र ने कहा कि बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने की मांग को लेकर कुशीनगर रामकोला में स्थित त्रिवेणी चीनी मिल गेट पर क्षेत्रीय गन्ना किसान आंदोलन कर रहे थे। 10 सितम्बर 1992 को पुलिस फायरिंग में आंदोलनरत दो किसानों की मौत हो गई। मामला ने तूल पकड़ लिया। तत्कालीन भाजपा की कल्याण सिंह सरकार के खिलाफ विरोधीदल लामबंद होने लगे। ऐसे हालात में गोलीकांड की गूंज दिल्ली और लखनऊ तक पहुंची तो विरोधी दलों के बड़े नेताओं के आने का क्रम शुरू हो गया। मुलायम सिंह यादव भी रामकोला के लिए निकल पड़े। पुलिस ने उन्हें देवरिया में गिरफ्तार कर दिया और वहां से उन्हें वाराणसी के शिवपुर स्थित सेंट्रल जेल लाया गया। शिवपुर केन्द्रीय कारागार में मुलायम सिंह यादव को 06 दिन रखा गया। उसके बाद बिना शर्त के ही उन्हें रिहा कर दिया गया।

पत्रकार सुशील मिश्र बताते है कि शिवपुर जेल में ही मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाने का विचार किया था। उनके दौर के समाजवादी नेता भी बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने जेल में ही समाजवादी पार्टी के गठन की रूपरेखा बनाई। बाद में चार अक्टूबर 1992 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा की।

-कांग्रेस महानगर ने दी श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी शोक जताया है। महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा की मुलायम सिंह यादव एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया। जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर स्थापित किया। वे एक सामान्य परिवार से निकलकर समाजवाद की परिभाषा को परिभाषित करने वाले माटी के नेता बने।

श्रीधर

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