विकास दुबे के खौफ और जय के रुतबे के आगे झुकता था प्रशासन
रोशन जैकब ने निरस्त किया था लाइसेंस, कमिश्नर ने किया बहाल
प्रादेशिक डेस्क
कानपुर। विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई पर पुलिस का शिकंजा कसता ही जा रहा है। वह फर्जी होमगार्ड को मित्र का लाइसेंसी रिवाल्वर देकर साथ लेकर चलता था। इस मामले में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन डीएम रौशन जैकब ने जय के रिवाल्वर का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
इसके बाद जय ने तत्कालीन कमिश्नर से मिलकर अपना लाइसेंस बहाल करा लिया था। इसका खुलासा एसएसपी द्वारा थाना प्रभारी से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। जय बाजपेई अपने करीबियों के शस्त्र लेकर चलकर भी भौकाल झाड़ता था। ऐसे करीबियों की कुंडली भी पुलिस खंगाल रही है जो जय को अपने शस्त्र दिया करते थे।
जय बाजपेई को आठ जनवरी 2008 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने 107/299 ब्रह्मनगर, बजरिया के पते से रिवाल्वर का लाइसेंस जारी किया था जिसका लाइसेंस संख्या 294 और रिवाल्वर का नंबर के-4579 है। वर्ष 2012 में जय के खिलाफ बजरिया थाने में गाली गलौज, मारपीट, धमकी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई। जिसके बाद तत्कालीन बजरिया थाना प्रभारी ने 7 जून 2013 को जय का लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी थी। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर 30 जुलाई 2014 में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ रौशन जैकब ने उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया था। सके बाद उसने तत्कालीन कमिश्नर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से मिलकर 15 नवंबर 2014 को अपना लाइसेंस बहाल करा लिया था। फिर जय ने अपने नजीराबाद स्थित मकान के पते से जून 2016 में पासपोर्ट भी बनवा लिया। इस बीच जय के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए, लेकिन अधिकारियों की दरियादिली केचलते वह बचता गया।