वायुसेना प्रमुख ने कमांडरों के सम्मेलन में स्वदेशी परियोजनाओं पर दिया जोर
– वायुसेना की जरूरतें पूरी करने में मेंटेनेन्स कमान की भूमिका को सराहा
– कमांडरों ने स्वदेशीकरण और आधुनिकता के ‘मंत्र’ को आत्मसात किया
नई दिल्ली (हि.स.)। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि इस जटिल समय में वायुसेना को रखरखाव और परिचालन में सुधार करने की आवश्यकता है, जिसके लिये स्वदेशी परियोजनाओं पर बल दिया जाना चाहिये।
उन्होंने 11-12 अगस्त को नागपुर के वायुसेना नगर में मेंटेनेन्स कमान (एमसी) के कमांडरों के सम्मेलन में शिरकत की। वहां पहुंचने पर मेंटेनेन्स कमान के कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल शशिकर चौधरी ने वायु सेनाध्यक्ष की अगवानी की।
वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मेंटेनेन्स कमान (एमसी) के दो दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन में एमसी के तहत आने वाले बेस रिपेयर डिपो, उपकरण डिपो और अन्य स्टेशनों, इकाइयों के कमांडरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान चालू परियोजनाओं का जायजा लिया गया तथा आगामी वर्ष में एमसी की गतिविधियों और लक्ष्यों पर गौर किया गया। कमांडरों को सम्बोधित करते हुये वायु सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय वायुसेना की विभिन्न अहम जरूरतों को पूरा करने तथा उनका सही बंदोबस्त करने में मेंटेनेन्स कमान प्रमुख भूमिका निभाता है।
भारतीय वायुसेना की आधुनिक और भावी तैयारियों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये कमान ने अहम कदम उठाये हैं, जिसकी वायु सेनाध्यक्ष ने सराहना की। उन्होंने कहा कि इस जटिल समय में रखरखाव और परिचालन में सुधार करने की आवश्यकता है, जिसके लिये स्वदेशी परियोजनाओं पर बल दिया जाना चाहिये। हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुये वायु सेनाध्यक्ष ने नई-नई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिये सजगता और सतर्कता के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय वायुसेना को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने की जरूरत बताई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारतीय वायुसेना हर वक्त चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार है।
वायु सेनाध्यक्ष ने कहा कि कमांडरों ने अपने प्रयासों में स्वदेशीकरण और आधुनिकता के “मंत्र” को आत्मसात कर लिया है, ताकि मेंटेनेन्स कमान भविष्य में एकीकृत कार्रवाइयों के लिये रखरखाव और साजो-सामान की व्यवस्था करने वाले साधन-सम्पन्न संस्थान के रूप में काम करता रहे। उन्होंने मेंटेनेन्स कमान (एमसी) के दो दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा भी की।