वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ दुनिया को परिवार के रूप में आगे बढ़ाएगी डिजिटल इकॉनमी : योगी

– मुख्यमंत्री ने पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की बैठक का किया शुभारंभ

– कार्यक्रम में बोले सीएम- मानवता के कल्याण को एक नई दिशा देगी यह बैठक

– वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की थीम वास्तव में वसुधैव कुटुम्बकम का ही रूपः योगी

लखनऊ(हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर। यह वास्तव में भारत का वह प्राचीन श्लोक है, जो भारत की दुनिया के बारे में उस सोच को प्रदर्शित करता है कि भारत के पास जो कुछ भी था उसे बिना राग द्वेष के या किसी भी अहंकार के कभी यह नहीं कहा कि यह मेरा है, तो इस पर मेरा ही एकाधिकार है। निश्चित ही डिजिटल इकॉनमी वसुधैव कुटुम्बकम के इस भाव के साथ पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है और मानवता के जीवन में कल्याण का काम कर सकती है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह बैठक कुछ नए मुद्दों को लेकर आगे बढ़ेगी और मानवता के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करते हुए एक नई दिशा देने का कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी ने यह बातें सोमवार को लखनऊ में पहली जी-20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की बैठक का शुभारंभ करते हुए कही। इस अवसर पर योगी ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ डिजिटल इकॉनमी पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ। सीएम योगी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है उप्र

जी-20 से जुड़े प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत की आबादी की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। 25 करोड़ की आबादी इस राज्य में निवास करती है। यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है। भारत की सबसे उर्वरा भूमि भी उत्तर प्रदेश में है। भारत की कुल कृषि योग्य भूमि में से 11 प्रतिशत भूमि उत्तर प्रदेश के पास है। इसमें 20 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन उत्तर प्रदेश करता है।

तकनीक के उपयोग में भी यूपी सबसे आगे

मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि यह हमारे देश के लिए सौभाग्य का क्षण है कि जब भारत ने आजादी के अमृतकाल प्रथम वर्ष में प्रवेश किया है तब दुनिया के 20 प्रमुख प्रतिष्ठित देशों के समूहों की अध्यक्षता एक वर्ष तक भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इन सभी कार्यक्रमों का अवसर प्राप्त हुआ है। हम सब जानते हैं कि पिछले नौ वर्ष के अंदर वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाने और दुनिया के हर एक उस अवसर पर जब भी दुनिया को नई दिशा देने की बात रही हो, तब प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।हमने जब ई पॉज मशीन लगाई तो प्रदेश के अंदर हमने उनकी मॉनीटरिंग प्रारंभ की। आज परिणाम है कि 15 करोड़ लोगों को पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम से हम खाद्यान्न उपलब्ध करा रहे हैं और तकनीक के माध्यम से 1200 करोड़ रुपये की सालाना बचत भी कर रहे हैं। इसी प्रकार से जीवन के अनेक क्षेत्रों में इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। खासतौर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जो परिवर्तन देखने को मिलते हैं वो तकनीक के बेहतर उपयोग के माध्यम से ही प्राप्त हो रहे हैं।

डिजिटल तकनीक आज की आवश्यकता

सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान प्रदेश में अब तक 40 करोड़ वैक्सीन की डोज नागरिकों को लगाने में सफलता प्राप्त की। सवा छह करोड़ कोविड टेस्ट कराने में भी हमने सफलता प्राप्त की। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए आज व्यापक परिवर्तन हो रहा है। इसका परिणाम है कि देश की 25 करोड़ की आबादी के सबसे बड़े प्रदेश में ये हर ओर परिवर्तन देखने को मिल रहा है। डिजिटल तकनीक आज की आवश्यकता है। इसके माध्यम से हम एक पारदर्शी व्यवस्था के साथ प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का काम कर सकते हैं। भारत ने पिछले 9 वर्ष के दौरान जिस तेजी से इस क्षेत्र में न सिर्फ परिवर्तन लाया है बल्कि 140 करोड़ की आबादी के जीवन में व्यापक परिवर्तन करने का काम किया है। वह दुनिया के तमाम देशों के लिए उदाहरण हो सकता है।

जीआईएस के लिए भी कारगर रही तकनीक

आज प्रदेश के अंदर ई ऑफिस की प्रणाली लागू होने का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश की कार्यप्रणाली में पूरी पारदर्शिता आई है। प्रदेश न सिर्फ कृषि और अपने जल संसाधन के लिए और युवा शक्ति के लिए बल्कि एक नई अर्थव्यवस्था के रूप में भी वैश्विक जगत में आगे बढ़ रहा है। 10 से 12 फरवरी के बीच लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 40 देशों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। पूरे आयोजन में उत्तर प्रदेश को 33 लाख 50 हजार करोड़ के अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके लिए भी हमें तकनीक को अपनाना पड़ा। किसी भी एमओयू की मॉनीटरिंग के लिए निवेश सारथी के रूप में डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया।

डिजिटल टेक्नोलॉजी से लाभार्थियों को मिल रहा शत प्रतिशत लाभः राजीव चंद्रशेखर

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री ने 2015 में डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी। इसके तीन केंद्र बिंदु थे। पहला टेक्नोलॉजी लोगों की लाइफ को बेहतर बनाए, दूसरा टेक्नोलॉजी अधिक अवसर उपलब्ध कराए और तीसरा ये सुलभ हो और इस पर किसी एक का एकाधिकार न हो। ये प्रधानमंत्री का विजन था। आज उसका नतीजा सब देख रहे हैं। टेक्नोलॉजी के अभाव में हमारी पिछली सरकारें पंगु बनी रहीं। एक प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कहा था कि हम दिल्ली से 100 रुपये देते हैं तो लाभार्थी तक 15 रुपये ही पहुंचते हैं।

डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का हिस्साः अश्विनी वैष्णव

रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2023 कई मामलों में बेहद अहम वर्ष होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक यूनीक फ्रेमवर्क तैयार किया है। यह लोगों की नागरिक को आसान बनाएगा। इससे लोगों की स्किल में बढ़ोतरी होगी। डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। ऐसे दौर में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की शुरुआत की है। ये पीपीपी मॉडल क्या है। इसका उदाहरण यूपीआई से समझते हैं। भारत सरकार ने एक प्लेटफॉर्म लांच करने के लिए पब्लिक स्टेकहोल्डर्स को इनवाइट किया। इनमें बैंकिंग, इंश्योरेंस, ई कॉमर्स समेत कई कंपनियां शामिल थीं। साथ ही इसमें 1.2 बिलियन लोग भी शामिल थे। इसमें किसी एक कंपनी का एकाधिकार नहीं था।

दिलीप शुक्ल/दधिबल

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