वर्षों से एक ही विकास खंड में जमे 75 मनरेगा तकनीकी सहायकों का तबादला

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। एक ही विकास खण्ड में 10 वर्षों से तैनात मनरेगा के तकनीकी सहायकों समेत जिले के 75 मनरेगा के तकनीकी सहायकों को उनके वर्तमान तैनाती स्थल से हटा दिया गया है। सभी कर्मचारियों के बीच समान रूप से ग्राम पंचायतों का आवंटन करते हुए उनकी कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए गृह विकास खण्ड से भी हटा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गांवों में निवासरत गरीब परिवारों को स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजनान्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों को तकनीक रूप से सुदृढ़ करने के लिए संविदा पर तकनीकी सहायकों की तैनाती वर्ष 2007 एवं 2010 में की गयी थी। उनमें से अनेक तकनीकी सहायकों की तैनाती उनके गृह ब्लाक में हो गई थी तथा कई अपने तैनाती के समय से ही एक ही विकास खण्ड में जमे हुए थे। लम्बे अर्से से एक ही विकास खण्ड में तैनात होने तथा स्थानीय निवासी होने के कारण उन पर स्थानीय राजनीति में भी रुचि लेने का आरोप लगता रहता है। एक ही स्थान पर कार्य करते हुए लम्बा समय गुजर जाने के बाद के किसी के भी पदीय दायित्वों के सम्यक निर्वहन में शिथिलता आना स्वाभाविक है। पिछले दिनों मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने ग्राम पंचायतों में कराये गये विकास कार्यों में अनियमितता की शिकायतों की जांच कराई तो कई चौकाने वाले तथ्य प्रकाश मेंं आए। जांच में पाया गया कि कतिपय तकनीकी सहायकों द्वारा स्थल पर बिना कार्यों को कराये ही बिलां की धनराशि का अंकन माप पुस्तिका में कर दिया गया, जिससे शासकीय धनराशि का दुरुपयोग हुआ है। कई विकास खण्डों में यह जानकारी भी प्राप्त हुई कि तकनीकी सहायकों द्वारा ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण नहीं किया जाता है एवं बिना निरीक्षण किये ही कार्य की मापी कर दी जाती है। इसका संज्ञान लेते हुए दोषी पाये गये कई तकनीकी सहायकों की संविदा समाप्त की गई। दुरुपयोग की गयी धनराशि की वसूली करते हुए उनके खिलाफ थानों में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि तबादले के उपरान्त जनपद में मनरेगा योजनार्न्तगत संविदा पर तैनात 75 तकनीकी सहायकों को जिले के कुल 1054 ग्राम पंचायतों में समानुपातिक रूप से तैनात किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक तकनीकी सहायक द्वारा 14 ग्राम पंचायतों के कार्यों का निर्वहन किया जायेगा। इससे किसी भी विकास खण्ड के विकास कार्यो पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रत्येक विकास खण्ड में निर्धारित संख्या में तकनकी सहायकों की तैनाती होने के कारण मनरेगा योजनान्तर्गत कार्यों को गति प्रदान की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि एक दशक से एक ही विकास खण्ड में तैनात तकनीकी सहायकों का स्थानान्तरण उनसे विकल्प लेकर किया गया है, जिससे मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता व कार्यों का सतत निरीक्षण, अनुश्रवण कराते हुए अपेक्षित प्रगति लायी जा सके। उन्होंने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखते हुए विकल्प में यह ध्यान रखा गया है कि किसी भी तकनीकी सहायक को उसके गृह ब्लॉक या पूर्व के तैनाती वाले विकास खण्ड में तैनाती नहीं दी गयी है।

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