लोकसभा चुनाव : कई मायने में खास है गाजियाबाद लोकसभा सीट,राजनाथ सिंह चुने गए थे पहले सांसद

– 2009 में परिसीमन के बाद बनी थी गाजियाबाद लोकसभा

– वीके सिंह लगातार दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे

– 29 लाख से ज्यादा मतदाता चुनेंगे अपना रहनुमा

गाजियाबाद (हि.स.)। दिल्ली से सटी गाजियाबद लोकसभा कई मायनों में खास रही है। पहले यह हापुड़ लोकसभा थी, लेकिन वर्ष 2009 में परिसीमन हुआ। इसमें हापुड़ का कुछ हिस्सा मेरठ लोकसभा और कुछ भाग गाजियाबाद में आ गया। लोनी विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर गाजियाबाद लोकसभा सीट का गठन कर दिया गया। इस लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें मुरादनगर, लोनी, साहिबाबाद, मोदीनगर और गाजियाबाद शामिल की गई हैं।

केंद्रीय राज्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह गाजियाबाद लोकसभा के पहले सांसद चुने गए थे और अभी तक इस हॉट सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है। इस बार 29 लाख से अधिक मतदाता अपने सांसद का चुनाव करेंगे, जबकि 2019 में यह संख्या 26 लाख से कुछ ज्यादा थी। 2024 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 15 लाख 99 हजार जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 13 लाख से ज्यादा है।

एक जमाने में परिसीमन से पहले भी हापुड़ लोकसभा सीट कई मायनों में ख़ास रही है। दिल्ली से सटी होने के कारण इस सीट को वीआईपी का दर्जा प्राप्त रहा है। जिसके चलते इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए सभी दल पूरी ताकत लगाते हैं।

आजादी के बाद 1952 में पहली बार लोकसभा के चुनाव हुए। लेकिन गाजियाबाद की जनता को को 1957 में हापुड़ लोकसभा क्षेत्र को कांग्रेस के कृष्णचंद शर्मा के रूप में पहला सांसद मिला।

1962 में कमला चौधरी कांग्रेस, 1967 में प्रकाशवीर शास्त्री निर्दलीय जीते। 1971 में बीपी मौर्य कांग्रेस, 1977 में कुंवर महमूद अली भारतीय लोकदल, 1980 में अनवर अहमद जनता पार्टी सेक्युलर, 1984 में केएन सिंह कांग्रेस, 1989 में केसी त्यागी जनता दल, 1991 से 99 तक चार बार बीजेपी की टिकट पर डॉ. रमेश चंद तोमर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे, जबकि 2004 में हापुड़ लोकसभा के रूप में रहते हुए कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने अंतिम जीत दर्ज हासिल की।

नए परिसीमन के बाद भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यहां से उस समय के मौजूदा सांसद कांग्रेस के सुरेंद्र प्रकाश गोयल को 90 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था। लेकिन 2014 में राजनाथ सिंह ने सीट बदल ली और लखनऊ से चुनाव लड़कर सांसद बने।

इसके बाद बीजेपी ने सेना से रिटायर्ड जनरल वीके सिंह को टिकट दिया। वीके सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार और अभिनेता राजबब्बर को 5.67 लाख से भी अधिक मतों से चुनाव हराया।

2019 लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन था। बीजेपी ने एक बार फिर से वीके सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें टिकट दिया। बीजेपी के वीके सिंह को 9 लाख 44 हजार 503 वोट मिले। गठबंधन प्रत्याशी समाजवादी पार्टी सुरेश बंसल को 4,43,003 वोट मिले हैं। वीके सिंह ने करीब 5 लाख के अंतर से जीत दर्ज की।

फरमान अली

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