लोकसभा चुनावः जब एक संत के चुनाव प्रचार के लिए हमीरपुर आई थीं इंदिरा गांधी

दोबारा सांसद बनने के लिए पाला बदलकर कांग्रेस पार्टी में की थी इन्ट्री

इंदिरा गांधी की चुनावी जनसभा के बाद स्वामी ब्रह्मानंद बने थे सांसद

हमीरपुर (हि.स.)। बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर किसी जमाने में बड़े ही ईमानदार और समाजसेवी लोग सांसद बनने को चुनाव मैदान में आते थे जिन्हें जनता भी अटूट प्यार देती थी लेकिन अब यहां ऐसे लोगों की राजनीति में इन्ट्री नहीं होती है। तिरपन साल पहले दोबारा सांसद बनने के लिए एक संत ने क्षेत्र के विकास के लिए न सिर्फ पाला बदला था बल्कि उनके कहने पर पीएम रहते इंदिरा गांधी संसदीय क्षेत्र में चुनाव रैली करने आई थी। चुनावी रैली के बाद संत भारी मतों से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

हमीरपुर और महोबा को मिलाकर शुरू में लोकसभा-47 का गठन किया गया था लेकिन ये पिछले कुछ आम चुनावों से इस लोकसभा की सीट से तिंदवारी विधानसभा को जोड़ी गई है। लोकसभा की इस सीट में हमीरपुर सदर, राठ, महोबा, चरखारी और तिंदवारी आदि विधानसभाएं शामिल है। संसदीय क्षेत्र में इस बार 18 लाख 34 हजार 444 मतदाता है जिनमें 9 लाख 91 हजार पुरुष, 8 लाख 43 हजार 053 महिला मतदाता है। विधानसभा वार मतदाताओं में हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में 408078 मतदाता है जबकि राठ विधानसभा क्षेत्र में 424672, महोबा विधानसभा क्षेत्र में 324472, चरखारी विधानसभा क्षेत्र में 354675 व तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में 322577 मतदाता है। यहां संसदीय क्षेत्र की सीट के मतदान पांचवें चरण में 20 मई को होने है। चुनावी महासमर में भाजपा समेत सभी ग्यारह प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे है। इस संसदीय क्षेत्र में पहली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी एमएल द्विवेदी सांसद बने थे। ये लगातार तीन बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

पहली बार लोधी बिरादरी के स्वामी ब्रह्मानंद जनसंघ से बने थे सांसद

हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र के बरहरा गांव निवासी स्वामी ब्रह्मानंद पढऩे लिखने की उम्र में संत बने थे। पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई ने 1967 में जनसंघ पार्टी बनाकर स्वामी ब्रह्मानंद महाराज को हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट के लिए प्रत्याशी घोषित किया था। अटल बिहारी बाजपेई स्वामी जी के कार्यक्रम में एक बार राठ भी पहुंचे थे और जनसभा को सम्बोधित किया था। ये संत पहली बार में ही सांसद बन गए थे। जबकि जनसंघ के खाते में 54 फीसदी से ज्यादा वोट आए थे।

पांचवीं लोकसभा के चुनाव में दोबारा सांसद बनने के लिए पाला बदलकर कांग्रेस में की थी इन्ट्री

पांच साल सांसद रहने के बाद स्वामी ब्रह्मानंद ने जनसंघ छोड़कर कांग्रेस में इन्ट्री ली और दोबारा सांसद बनने के लिए चुनाव मैदान में आए थे। उनके पार्टी छोडऩे से अटल बिहारी बाजपेई बहुत दुखी भी हुए थे। पांचवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस की हवा बनाने के लिए स्वामी जी ने इंदिरा गांधी को न्यौता दिया था। 1971 के आम चुनाव में पीएम रहती इंदिरा गांधी ने राठ क्षेत्र में आकर चुनावी रैली को सम्बोधित किया था। उस जमाने में उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी।

आम चुनाव में इंदिरा गांधी की चुनावी जनसभा के बाद ब्रह्मानंद बने थे सांसद, क्षेत्र में मना था जश्र

पांचवीं लोकसभा के चुनाव में हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट के प्रत्याशी स्वामी ब्रह्मानंद के लिए पीएम रहती इंदिरा गांधी यहां राठ क्षेत्र में आकर चुनावी रैली की थी। उन्हें देखने और सुनने के लिए जन सैलाब उमड़ा था। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण सिंह राजपूत ने बताया कि इंदिरा गांधी ने स्वामी जी के लिए ही पहली बार यहां आई थी और बहुत ही ओजस्वी विचार रखे थे। चुनावी सभा के बाद स्वामी ब्रह्मानंद महाराज 52 फीसदी वोट लेकर दोबारा लोकसभा पहुंचे थे।

पंकज//बृजनंदन

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