राहत:गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की गति मंथर,खतरे के निशान से 1.06 मीटर उपर बह रही

वाराणसी (हि.स.) । पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से गंगा और वरुणा नदी में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर की गति गुरूवार को धीमी हो गई । पूर्वांह 11 बजे तक गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर दर्ज किया गया। गंगा की लहरें दो घंटे में एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। गंगा की लहरें अभी भी खतरे के निशान से 1.06 मीटर उपर बह रही है।

जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में राहत की खबर है, गंगा नदी में जल स्तर स्थिर हो गया है। लगातार बढ़ रहे जल स्तर के अब स्थिर होने से जल भराव के क्षेत्रों में लोगों को राहत मिलेगी और नये घर इसकी चपेट में नहीं आएंगे। उधर, गंगा और वरूणा नदी मेंं आई बाढ़ से तटवर्ती क्षेत्र के 40 हजार से अधिक आबादी प्रभावित है। इन इलाकों में लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है।

लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, रविन्द्र जायसवाल, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के साथ जिला प्रशासन के अफसर भी लगे हुए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ प्रदेश सरकार की भी इस पर नजर है। प्रधानमंत्री कार्यालय प्रशासनिक अफसरों से बाढ़ का अपडेट और राहत सामग्री वितरण की पूरी जानकारी ले रहा है। ग्रामीण अंचल में गंगा की लहरें गांवों में पहुंच गई है। ढाब क्षेत्र में मुख्य मार्ग मुस्तफाबाद-मोकलपुर वाया रामचंदीपुर, गोबरहां गांव के पास कई स्थानों पर बाढ़ का पानी भर गया है। इससे आसपास के कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया है।

इन इलाकों में सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है। शहरी क्षेत्र के सामने घाट, नगवां, मारुति नगर, जानकी नगर सहित 08 कॉलोनियां बाढ़ के पानी में टापू बन गई है। सामने घाट-रामनगर पुल पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। राजघाट पुल पर भी गंगा में बाढ़ को देखते हुए ट्रेनों की गति धीमी करने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ पीड़ित इलाके में एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी के जवान विशेष नौेका से लगातार गश्त कर रहे है। गंगा के पलट प्रवाह से उफनाई वरुणा ने भी तटवर्ती क्षेत्रों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। तटवर्ती क्षेत्र के परिवार घर बार छोड़ कर राहत शिविर या फिर ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए है।

राहत शिविर में रह रहे लोगों की मदद में जिला प्रशासन के अफसर लगे हुए हैं। नरोखर, अकथा, पुलकोहना, नक्खीघाट नालों में भी वरुणा नदी का पलट प्रवाह हो रहा है। नालों के किनारे घरों में पानी घुस गया है। सलारपुर, रसूलगढ़, पुलकोहना, दनियालपुर, सरैयां, शैलपुत्री, नक्खीघाट, हुकुलगंज, चौकाघाट, वरुणा पुल, इमिलिया घाट आदि क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है। गंगा की सहायक नदी असि का पानी भी ऊफान पर है। असि नदी में गंगा के पलट प्रवाह से संकट मोचन मंदिर के समीप तक पानी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। साकेत नगर की सड़कों पर भी पानी बह रहा है। वाराणसी और आसपास के ग्रामीण अंचल में गंगा, वरुणा, गोमती, नाद नदी के किनारे के सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई हैं।

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