योगी सरकार में शुरू हुआ अति प्राचीन राम कुंड तालाब का जीर्णोद्धार

कानपुर(हि.स.)। योगी सरकार में श्रावण मास के समय अति प्राचीन धरोहर राम कुण्ड तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो चुका है। तालाब के साथ ही भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर का भी संरक्षण कार्य स्वीकृत होगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो कुल 34 लाख से अधिक की कार्य योजना तैयार की गई है। तालाब के आस-पास किए गए अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व विभाग ने भी पहल शुरू कर दी है। यह जानकारी सोमवार को उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा कानपुर पीडीएस रमेश चन्द्र ने दी।

उन्होंने बताया कि अति प्राचीन धरोहर राम कुण्ड तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य अब शुरू हो चुका है। मनरेगा के माध्यम से तालाब के जीर्णोद्धार में 7 लाख 22 हजार 506 की स्वीकृत लागत है। कार्य का शुभारंभ श्रावण मास के पवित्र अवसर में 5 जुलाई से हुआ है। मनरेगा के मजदूर इस तालाब की खुदाई एवं सफाई का कार्य पूरा करेंगे। बेहटा बुजुर्ग ब्लाक के कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रमणि त्रिपाठी की देखरेख में पूरा कार्य शुरू किया गया है। लेकिन बारिश होने के कारण कार्य अभी रूक गया है।

क्या है कार्य योजना

सरकारी दस्तावेजों में दो बीघा पांच बिस्वा में राम कुण्ड तालाब है। जिसमें लोगों ने अतिक्रमण करके कब्जा कर लिया है। पहले अतिक्रमण हटाया जाएगा और उसके बाद खुदाई एवं सफाई की जाएगी। पथवे एवं सीढ़ी का निर्माण किया जाएगा और तालाब में पानी आने एवं जाने का मार्ग का तथा रैप का निर्माण कराया जाएगा।

पुरातत्व विभाग भी कराएगा कार्य

अति प्राचीन तालाब एवं भगवान जगन्नाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य हेतु 27 लाख 95 हजार निर्माण कार्यों में खर्च होगा। प्रकाश व्यवस्था के लिए 5 लाख 95 हजार रुपये का खर्च किया जाएगा।

मनरेगा के मजदूर करेंगे तालाब की सफाई और खुदाई

प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर ही इस तालाब के जीर्णोद्धार में काम कर रहें। तालाब की प्राचीन दीवारों को कोई क्षति नहीं आने दिया जाएगा। इसके साथ ही जहां भी तालाब की दीवारें क्षतिग्रस्त है, उसकी मरम्मत भी की जाएगी। इसकी पूरी योजना तैयार की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि कानपुर के भीतरगांव ब्लाक के बेहटा बुजुर्ग गांव में लगभग 4200 वर्ष पुराना मंदिर है। मंदिर की दीवार से सटा हुआ अति प्राचीन तालाब है। इसका नाम राम कुण्ड तालाब है। जिलाधिकारी कानपुर नगर विशाख जी अय्यर के निर्देश तालाब के संरक्षण और मरम्मत का कार्य अब प्रारम्भ हो चुका है।

जानें क्या है राम कुंड तालाब एवं जगन्नाथ मंदिर की कहानी

पुरातत्व विभाग उप्र सीईओ अखिलेश तिवारी ने बताया कि राम कुंड तालाब कितना पुराना है, इसको लेकर कई मत है। इतिहासकारों की मानें तो इसे 9वीं शताब्दी का तो कुछ इसे बुद्ध कालीन बताते हैं। इसकी कलाकृति 9वीं शताब्दी की हैं। देखने में बौद्ध स्तूप की तरह लगता है। इसलिए अलग-अलग मत है। तालाब के पास एक मंदिर है जो लगभग 4200 पुराना है। जबकि जीर्णोद्धार के बाद 1800 वर्ष पुराना बताया जाता है।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने यहां पिता दशरथ का किया था पिंडदान

राम कुंड तालाब को लेकर कहा जाता है कि भगवान राम ने यहां पर लंका विजय के बाद अपने पिता का पिंडदान किया था। एक वक्त था जब लोग इस तालाब में पिंड दान किया करते थे। समय के साथ ही साथ मंदिर हो या तालाब फिर गांव सब बदहाल हो चुके है।

रहस्यमयी मंदिर के छत में लगा पत्थर से मोटी और हल्की बूंदे करती हैं मौसम की भविष्यवाणी

वर्तमान में मंदिर की पूजा दुनिया भर में तमाम रहस्यों के बीच कानपुर के इस मंदिर की चर्चा दुनिया भर में है। मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने वाला यह मंदिर अपने आप में अनोखा है। बारिश कैसी होगी, कब होगी ये मंदिर पहले ही संकेत दे देता है। प्राचीन धरोहर, पौराणिक कथाएं और न जाने कितने रहस्य ये हिंदुस्तान अपने आंचल में समेटे हुए है।

कानपुर के जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर बेहटा बुजुर्ग गांव में ये रहस्यमयी मंदिर न जाने कितने रहस्य छिपे हुए हैं। इसे जगन्नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यही नहीं जगन्नाथ मंदिर मानसून मंदिर के भी नाम से प्रसिद्ध है। बेहटा बुजुर्ग गांव में भगवान जगन्नाथ का इकलौता मंदिर है जो पूरे हिंदुस्तान में आप को दूसरा नहीं मिलेगा। इस मंदिर की बनावट की बात हो या इसकी मूर्ति की, दोनों ही अपने आप में अनोखे हैं।

राम बहादुर/मोहित

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