योगी सरकार ने सेंट्रल एपिडेमिक एक्ट और महामारी अधिनियम 31 मार्च तक बढ़ाया
-प्रदेश में बीते चौबीस घंटे में 2,170 नए मरीज मिले, 25,243 सक्रिय मामले
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश में सेंट्रल एपिडेमिक एक्ट 1897 और उत्तर प्रदेश महामारी अधिनियम 2020 के लागू रहने की अवधि अब तीन महीने और बढ़ा दी गई है। पहले इसकी समय सीमा 30 नवम्बर 2020 तक निर्धारित की गई थी। लेकिन, कोरोना संक्रमण चलते रहने के कारण महामारी अधिनियम के जो प्रावधान हैं वह प्रदेश में 31 मार्च, 2021 तक और जारी रहेंगे।
राज्य के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में 2,170 नए मामले सामने आए हैं। वर्तमान में 25,243 कोरोना के सक्रिय मामले हैं। अब तक कुल 5,06,938 लोग कोविड-19 से ठीक होकर पूर्ण उपचारित हो चुके हैं। वहीं संक्रमण के बाद 7,718 लोगों की मौत हुई है।
वर्तमान में रिकवरी दर लगभग 94 प्रतिशत है। वहीं केस फैटेलिटी रेट (सीएफआर) यानी मामलों में मृत्यु दर 1.43 प्रतिशत के आसपास है। उन्होंने बताया कि कल राज्य में 1,74,904 कोरोना नमूनों की जांच की गई। अब तक कुल 1,89,94,692 सैम्पल की जांच की गयी है। कल आरटीपीसीआर के लिए विभिन्न प्रयोगशाआलों को 71,938 नमूने भेजे गए। कल राज्य की कुल जांचों में 42 प्रतिशत आरटीपीसीआर के जरिए की गई।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में होम आइसोलेशन में 12,293 लोग हैं। वहीं निजी चिकित्सालयों में 2,253 लोग इलाज करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बाकी मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। अभी तक कुल 3,09,401 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना, जिसमें से 2,97,108 लोगों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज घोषित कर दिया गया है।
प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,65,240 क्षेत्रों में 4,68,617 टीम दिवस के माध्यम से 2,95,56,783 घरों के 14,44,82,025 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है।
ई-संजीवनी पोर्टल का शुक्रवार को 2,203 लोगों ने उठाया लाभ
इसके साथ ही ई-संजीवनी पोर्टल का प्रदेश के लोग लगातार इस्तमाल कर रहे हैं, इस पोर्टल से घर बैठे डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। शुक्रवार को 2,203 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। वहीं अब तक प्रदेश के 2,33,945 लोगों को इससे लाभ मिला है।
प्रदेश में 65,763 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित
प्रदेश में कुल 65,763 ‘कोविड हेल्प डेस्क’ की स्थापना की जा चुकी है। इनके जरिए 10,12,260 लक्षणात्मक लोगों की पहचान की गई। इनमें ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध हैं। इन सभी इकाइयों में सैनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।