यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन के जरिए होगी चिकित्सा संस्थानों को आवंटित बजट से दवा आपूर्ति
लखनऊ (हि.स.)। योगी सरकार ने कोरोना महामारी के फलस्वरूप उत्पन्न विषम परिस्थितियों तथा मेडिकल कॉलेजों एवं संस्थानों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों के लिए दवाओं की बढ़ती मांग के सापेक्ष तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग उप्र शासन औषधि प्रबन्धन मार्गदर्शिका की शर्तों में शिथिलीकरण करने की स्वीकृति प्रदान की है।
इसके अनुसार सम्बन्धित चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संस्थानों को आवंटित बजट के 60 प्रतिशत के अन्तर्गत औषधियों की आपूर्ति यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से प्राप्त होगी। शेष 40 प्रतिशत बजट का उपयोग प्रधानाचार्यों एवं निदेशकों द्वारा आकस्मिक परिस्थितियों तथा वैकल्पिक रिजर्व के रूप में औषधियों का क्रय करने के लिए किया जाएगा।
इस सम्बन्ध में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आवश्यक आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार कोरोना वैश्विक महामारी के दृष्टिगत किया गया यह शिथिलीकरण वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 तक ही प्रभावी होंगे। औषधियों के स्पेशिफिकेशन, गुणवत्ता एवं मात्रा का विशेष ध्यान रखा जाये तथा इसे सुनिश्चित करने का दायित्व क्रय करने वाली संस्था का होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राजकीय एवं स्वशासी मेडिकल कालेजों तथा गैर स्वायत्तशासी चिकित्सा संस्थानों से सम्बद्ध चिकित्सालयो में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता व उनके वितरण की व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी औषधि प्रबन्ध मार्गदर्शिका में प्रावधान किया गया है कि सम्बन्धित चिकित्सा महाविद्यालय, संस्थानों को आवंटित बजट के 80 प्रतिशत के अन्तर्गत औषधियों की आपूर्ति यूपी मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड के जरिए प्राप्त होगी।
शेष 20 प्रतिशत बजट का उपयोग प्रधानाचार्यों, निदेशकों द्वारा आकस्मिक का क्रय करने के लिए किया जायेगा। दोनो ही एजेन्सियों द्वारा क्रय प्रक्रिया सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग एवं वित्त विभाग के सुसंगत शासनादेशों एवं वित्तीय नियमों के अनुसार सुनिश्चित की जाएगी।